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सरकारी पैसो का किस कदर दुरुपयोग किया जाता है इसका एक नमूना पेश किया है कोरबा के दीपका नगर पालिका ने जिसने कचरे से जैविक खाद बनाने कि मशीन २५ लाख खर्च कर खरीद तो ली मगर हैरानी कि बात तो ये है कि वो एक दिन भी चालु नहीं हो सकी और वो अब खुद कचरे में तब्दील हो गई है,,,,,, इधर अधिकारी मशीन के उपयोग नहीं होने का कारण बताने को तैयार नहीं मगर जानकारो कि माने तो बिना ऑपरेटर के ही मशीन को खरीद लियागया और ऑपरेटर के बिना आज ये कबाड़ हो गई है,,,,,हमारे द्वारा जानकारी के बाद कलेक्टर ने मामले में संज्ञान लिया है और जांच कर कारवाई कि बात कही है !
दीपका नगरपालिका के कबाड़ के साथ पड़ी ये वो मशीन है जिसे एक बार भी उपयोग नहीं किया जा सका और ये मशीन बिना उपयोग के ही कबाड़ हो गई दरअसल इस मशीन को दीपका नगर पालिका ने २५ लाख रूपये खर्च करके इसलिए ख़रीदा था ताकि शहर के कचरे से जैविक खाद बना न सिर्फ जैविक खाद का लाभ लिया जा सके बल्कि शहर को भी कचरा मुक्त बनाया जा सके ! मगर हैरत कि बात तो ये है कि २५ लाख कि इस मशीन के खरीदी के बाद इसके संचालन कि ओर किसी ने ध्यान नहीं दिया आलम ये है कि इसे चलाने वाले कि कमी के कारण मशीन एक दिन भी नहीं चल सकी और कचरा से जैविक खाद बनाने वाले ये मशीन खुद कचरे में तब्दील हो गई,,,,, नगर पालिका के इस कार्यप्रणाली पर अब सवाल और गड़बड़ी कि आशंका उठने लगी है कि आखिर बिना टैक्नीशियन के मशीन कि खरीदी क्यों कर ली गई और इस तरह के पैसो कि बर्बादी के लिए जिम्मेदार कौन है !
हैरानी कि बात तो ये है कि जब हमने नगरपालिका अधिकारी से लाखो रुपये कि इस खरीदी और इसके बिना उपयोग हुए कंडम हो जाने के बारे मेंजानकारी चाहि तो उन्होंने इस विषय पर कुछ भी कहने से इंकार करते हुए मामले में पर्दा डालते नजर आये मगर जब हमने नगर पालिका के इस कारनामे कि जानकारी कलेक्टर को दी तो उन्होंने इस विषय को गम्भीरता से लेते हुए न सिर्फ जांच कराने कि बात कही बल्कि इसमें लापरवाही पाये जाने पर दोषी अधिकारियो के खिलाफ कारवाई करने कि बात भी कही है !
ऐसा पहली बार नहीं कि अधिकारी पैसो का बन्दर बाँट करने उनुपयोगी चीजो कि खरीदी कर अपनी जेब न भरते हो मगर शायद ये पहली बार ही होगा कि २५ लाख के लागत कि मशीन एक दिन भी बिना चले कबाड़ में तब्दील हो गई हो,,,,,,,ऐसे में देखना होगा कि क्या इस मामले में दोषी अधिकारियो पर क्या कारवाई हो पाती है !
अरुणेन्द्र तिवारी (पूर्व पार्षद नगर पालिका दीपका)
बिना ऑपरेटर के खरीदी कर ली गई, एक दिन भी नहीं चली है, कमीशन खोरी कि गई है !