रायपुर. मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के एक हजार किसान अब हर साल पंजाब भेजने की घोषणा की है। जो वहां उन्नत खेती के गुर सीखने जाएगे। उन्होंने कहा कि पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ भी जल्द ही खेती और किसानी के क्षेत्र में देश का रोल -मॉडल बनेगा, लेकिन इसके लिए किसानों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर खेती- किसानी की बेहतरी के लिए काम करने की जरूरत है।
डॉ. रमन सिंह रविवार को पंजाब के मोहाली के नजदीक चाप्परचिरी में पंजाब सरकार द्वारा आयोजित प्रगतिशील पंजाब कृषि सम्मेलन 2014 के शुभारंभ समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने छग में किसानों की बेहतरी के लिए किए जा रहे अपने कामों के बारे में बताया और कहा कि किसानों को सरकार ने ब्याज मुक्त ऋण देने की घोषणा की है।
धान खरीदी पर दिए जा रहे बोनस का भी जिक्र किया। साथ ही पंजाब के किसानों को भी छत्तीसगढ़ आने का न्यौता दिया। पंजाब में मोहाली के नजदीक आयोजित किए गए इस कृषि सम्मेलन में छत्तीसगढ़ के कृषि विभाग ने भी अपना स्टॉल लगाया है। इस दौरान प्रदेश के बड़ी संख्या में अधिकारी मौजूद थे।
रमने पंजाब को खेती के लिए रोल मॉडल बताते हुए कहा कि कृषि उत्पादन में पंजाब पूरे देश के लिए रोल-मॉडल है। हमने भी पंजाब की तरह छत्तीसगढ़ को खेती और कृषि आधारित उद्योगों में देश का रोल-मॉडल बनाने का संकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि देश में खेती-किसानी की बेहतरी के लिए सभी राज्यों के किसानों को दलगत राजनीति से ऊपर उठकर संगठित होने की जरूरत है। सम्मेलन के शुभारंभ सत्र में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और आन्ध्रप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री चन्द्रबाबू नायडू सहित पंजाब सरकार के अनेक मंत्री और देश-विदेश से आए कृषि विशेषज्ञ मौजूद थे।