अम्बिकापुर .शहर के कन्या शिक्षा परिसर और क्रीडा परिसर मे कल छात्राओ के उत्पीडन का मामला अब तूल पकडता जा रहा है. पिछले कुछ महीने से परिसर के अंदर से छनकर निकल रही उत्पीडन का मामला काफी हो हल्ला के बाद थाने मे दर्ज कर लिया गया है. और प्रशासन ने भी दोषी के खिलाफ विभागीय कार्यवाही की बात कही है. लेकिन बच्चियो के उत्पीडन के इस मामले को दबाने का आऱोप लगाते हुए भाजयुमो कार्यकर्ताओ ने उग्र आंदोलन और दोषी को सजाए मौत देने की मांग की है.
महिला थाना मे मामला दर्ज…
अम्बिकापुर के शासकीय शिक्षा परिसर औऱ क्रीडा परिसर मे कल छात्रावास मे रहने वाली छात्राओ को,, उत्पीडन की शिकायत से रोकने के मामले के बाद कई और मामले की खुलासे हुए है. महिला थाना पुलिस द्वारा कल बच्चियो का बयान लेने के बाद इस बात का खुलासा हुआ है कि कल गिरफ्तार किया गए परिसर के पूर्व शिक्षक एरियल एक्का के अलावा मीडिल स्कूल की बच्चियो से पूर्व अधीक्षिका सुशीला लकडा के पति द्वारा बच्चियो से अश्लील हरकते करने का मामला सामने आया है. जिसके बाद महिला थाना प्रभारी आशा तिर्की ने बच्चियो के उत्पीडन और शिकायत से रोकने समेत तीन मामले दर्ज कर लिए हैं.
खुलासे के बाद तीन मामले दर्ज..
दरअसल शासकीय कन्या क्रीडा परिसर और शैक्षणिक परिसर मे छोटी छोटी छात्राओ से अश्लील हरकत करने और उत्पीडन के मामले के पहले मामले के आऱोपी एक्का के खिलाफ पास्को एक्ट के साथ ही आईपीसी की धारा 354 के तहत मामला पंजीबद्द कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है. वही दूसरे अश्लील हरकत करने के मामले मे क्रीडा परिसर की पूर्व अधीक्षिका सुशीला लकडा के पति के खिलाफ अपराध पंजीबद्द किया गया है. लेकिन फिलहाल वो पुलिस गिरफ्त से बाहर हैं. इसके अलावा कल पूरे मामले की शिकायत करने जा रही छात्राओ का बलपूर्वक रास्ता रोकने के मामले मे भी एरिलय एक्का के साथ उनकी शिक्षिका पत्नी अर्चना एक्का के खिलाफ पुलिस ने अपराध तो पंजीबद्द किया है. लेकिन अर्चना एक्का को पुलिस ने अभी तक गिरफ्तार नहीं किया है. हांलाकि एडिशनल एसपी रामकृष्ण साहू ने ये दावा किया है कि तीनो मामले मे जांच औऱ विवेचना के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी.
विभागीय कार्रवाई और निलंबन…
पूरा मामला शासकीय संस्थान से जुडा है औऱ वो भी ऐसे शैक्षणिक संस्थान से जहां आदिवासी समाज की बच्चियां संस्था की सुरक्षा मे रहकर पढाई औऱ खेल की शिक्षा लेती हैं. लिहाजा इस मामले मे प्रशासन का पक्ष भी जानना जरुरी था, तो जब हम प्रभारी कलेक्टर नम्रता गांधी से मामले मे कार्यवाही के बारे मे जानने गए तो उन्होने कहा कि शिक्षको द्वारा बच्चियो के साथ की गई इस हरकत पर विभागीय जांच और निलंबन की कार्यवाही की जाएगी और अगर ये शिक्षक दोषी पाए गए तो फिर उनके खिलाफ बर्खास्तगी की कार्यवाही भी की जाएगी.
सजाए मौत की मांग.
जानकारी के मुताबिक मामले की शुरूआत कई महीने पहले हुई थी , जिसकी बच्चियों ने दिसंबर माह मे कलेक्टर शिकायत भी की थी. लेकिन उसमे क्या हुआ ये कोई बताने को तैयार नहीं है. खैर कल अगर शिक्षक एरियल एक्का अपनी शिक्षिका पति के साथ बच्चियों का रास्ता ना रोकता तो शायद मामला तूल ना पकडता औऱ कार्यवाही भी ना होती. लेकिन मामले मे हंगामे के बाद ये चर्चा सबकी जुबान पर आ गई है. लोग घटना की निंदा भी कर रहें है . इसी बीच विपक्षी दल भाजपा के युवा मोर्चा कार्यकर्ताओ मे आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी ना होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है. इतना ही नहीं भाजयुमो अम्बिकापुर अध्यक्ष विकास वर्मा (रिंकू) ने आरोपियो को सजाए मौत देने की मांग की हैं..
पूरा मामला शहर के उस शासकीय कन्या परिसर का है. जहां आदिवासी बच्चियों के परिजन अपनी बच्चियों को आवासीय व्यवस्था मे रखकर बेहतरी का ख्वाब सजाते हैं. लेकिन उस ख्वाब को तोडने का काम वही शिक्षक कर रहें है जिन पर छात्राओ के भविष्य संवारने की जिम्मेदारी है. बहरहाल संभाग मुख्यालय अम्बिकापुर के गंगापुर इलाके मे स्थित कन्या परिसर मे जमतक नियमो को ताक मे रखकर पुरुष शिक्षको की नियुक्ति होती रहेगी.. ऐसे मामले सामने आते रहेंगे.. तो जरूरी है कि ऐसे शासकीय परिसरो मे नियमो के मुताबिक महिला शिक्षको की नियुक्ती होनी चाहिए…. जिससे बच्चियां सुरक्षित भी रहें और समृद्द भी।