अम्बिकापुर (सीतापुर:अनिल उपाध्याय)-रखरखाव के अभाव में बरसात शुरू होते ही गड्ढों में गुम नेशनल हाईवे अब लोगो के लिये जानलेवा हो गया है लोग पानी भरे गड्ढों की चपेट में आ या तो अपनी जान गवाँ रहे है या फिर गम्भीर रूप से घायल हो जीवन मौत से संघर्ष कर रहे है।अब तक जानलेवा गड्ढों के कारण दो लोगो की जाने जा चुकी है और लगभग दर्जन भर से ज्यादा लोग अब तक घायल हो चुके है।नेशनल हाईवे की दुर्दशा के कारण दिनोदिन बढ़ती घटना से लोगो मे आक्रोश बढ़ता जा रहा है वही सम्बंधित अधिकारी चुप्पी साधे तमाशा देख रहे है।
विदित हो कि बरसात शुरू होते ही नेशनल हाईवे क्र-43 की हालत काफी जर्जर हो गई है बचा खुचा कसर अधिकारियों ने पूरा कर दिया है।खानापूर्ति एवं देखरेख के अभाव में नेशनल हाईवे बड़े-बड़े गड्ढों में गम हो चुका है सड़को पर निर्मित गड्ढे अब राहगीरों के लिये जानलेवा साबित होने लगे है।सबसे बुरी स्थिति ग्राम सोनतराई से लेकर नगर में पेट्रोल पंप अग्रसेन भवन बजाज ऑटो अफरोज ऑटो से लेकर प्रतापगढ़ गुतुरमा एवं सरहदी गाँव उलकिया सुखरापार तक है जहाँ बारिश के दिनों में पानी से लबालब डबरीनुमा गड्ढे लोगो को अपना शिकार बना रहे है।इन जानलेवा हो चुकी गड्ढों के कारण तीन माह के अंदर दो लोगो को अपना जान गवाना पड़ा है जबकि दर्जन भर लोग घायल हो चुके है।इतना कुछ होने के बाद भी विभागीय अधिकारी चुप्पी साधे नेशनल हाईवे को उसके हाल पर छोड़ दिया है जिससे लोगो मे काफी आक्रोश व्याप्त है।
तीन माह में दो ने गवाँई अपनी जान दर्जनों हुये घायल… नेशनल हाईवे में निर्मित जानलेवा गड्ढों के कारण तीन माह में दो लोगो ने अपनी जान गवाँ दी।18 मई को वंदना उपरपारा निवासी रूपसाय 19 वर्ष सीतापुर आने के दौरान ग्राम सोनतराई में गड्ढे की चपेट में आकर अपनी जान गवाँ चुका है वही बीते गुरुवार की रात ग्राम गुतुरमा निवासी लालाराम सतनामी की भी ग्राम सुखरापारा में गड्ढे की वजह से हुये दुर्घटना में दर्दनाक मौत हो गई।लालराम एक अनुभवी कारीगर था और वो पत्थलगांव से काम निपटा वापस घर आ रहा था सुखरापारा के पास गड्ढे की वजह से उसका नियंत्रण बिगड़ा और चार बच्चो सहित पूरे परिवार को रोता बिलखता छोड़ दुनिया से चल गया।इसके निधन से आक्रोशित लोगों ने चक्काजाम भी किया था किंतु पुलिस के समझाईश से लोगो ने अपना इरादा बदल दिया।सीसी ही एक अन्य हहतन में गुतुरमा निवासी रमेश गुप्ता भी गड्ढे का शिकार बन घायल हो गये वो किस्मत वाले थे जो बच गये वरना बड़ा हादसा हो सकता था।
प्रतापगढ़ पुल भी हुआ जर्जर..
अंग्रेजो के शासन काल मे निर्मित पुल भी अब काफी जर्जर हो चुका है रखरखाव के अभाव में पुल के ऊपर बड़े-बड़े गड्ढे निर्मित हो गये है साथ ही कई जगहों से पुल काफी क्षतिग्रस्त हो चुका है जिससे यहाँ हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है।समय रहते इस पर ध्यान नही दिया गया तो कभी भी ये बड़ा हादसा का कारण बन सकता है।
इस संबंध में एस डी एम अतुल सेटे ने कहा कि सड़क में निर्मित गड्ढों को लेकर नेशनल हाईवे के अधिकारियों से बात की जायेगी।मेरा भरसक प्रयास रहेगा कि विभाग के सहयोग से गड्ढे भर दिये जायें..