छत्तीसगढ़ सहित कई राज्यों के हस्तशिल्पी और बुनकर आएंगे
रायपुर, 01 फरवरी 2014
राज्य सरकार के ग्रामोद्योग विभाग से संबंधित छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड द्वारा छत्तीसगढ़ सहित देश के विभिन्न राज्यों के हस्तशिल्प और हाथ करघा कपड़ों की विशाल प्रदर्शनी ‘जगार-2014’ का आयोजन राजधानी रायपुर के पण्डरी स्थित छत्तीसगढ़ हाट में दो फरवरी से शुरू किया जा रहा है। यह प्रदर्शनी दो सप्ताह तक चलेगी। राज्यपाल श्री शेखर दत्त दो फरवरी को रात्रि आठ बजे प्रदर्शनी सह-विक्रय के इस अनोखे आयोजन का शुभारंभ करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अध्यक्षता में शुभारंभ समारोह में प्रदेश के गृह मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, ग्रामोद्योग मंत्री श्री पुन्नूलाल मोहले, कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल, उच्च शिक्षा मंत्री श्री प्रेम प्रकाश पाण्डेय, स्वास्थ्य मंत्री श्री अमर अग्रवाल, लोक निर्माण मंत्री श्री राजेश मूणत, संस्कृति और पर्यटन मंत्री श्री अजय चन्द्राकर, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती रमशिला साहू, विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव, विधायक रायपुर ग्रामीण श्री सत्यनारायण शर्मा, विधायक रायपुर उत्तर क्षेत्र श्री श्रीचंद सुन्दरानी, महापौर नगर निगम श्रीमती किरणमयी नायक और छत्तीसगढ़ हस्तशिल्प विकास बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष मेजर अनिल सिंह विशेष अतिथि के रूप में शामिल होंगे। जगार-2014 में छत्तीसगढ़ के हस्तशिल्पियों द्वारा निर्मित बेलमेटल, लौह शिल्प, टेराकोटा, बांस शिल्प, काष्ठ कला, मिट्टी कला, गोदना शिल्प आदि की कलाकृतियां प्रदर्शित की जाएंगी, जिन्हें नागरिकों द्वारा खरीदा भी जा सकेगा।
जगार-2014 की प्रदर्शनी में छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश महाराष्ट्र, नागालैण्ड, जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, दिल्ली, आन्ध्रप्रदेश, पंजाब और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों के हाथ करघा बुनकरों द्वारा निर्मित कलात्मक कपड़े भी बिक्री के लिए रखे जाएंगे। जगार-2014 में चन्देरी और बनारसी साड़ियों सहित ग्लास वर्क, चिकन वर्क, कारपेट, पेंटिंग्स आदि का विशाल संग्रह भी वहां उपलब्ध रहेगा। इस आयोजन में छत्तीसगढ़ की शिल्प कला के भौगोलिक प्रतीक चिन्ह का लोकार्पण भी होगा और हस्तशिल्प प्रतिस्पर्धा का भी आयोजन किया जाएगा। सम्पूर्ण आयोजन में दो फरवरी से 16 फरवरी तक हर दिन शाम 7.30 बजे से रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इसके अलावा छत्तीसगढ़ हाट परिसर में हस्तशिल्प की कलाकृतियों के प्रमाणीकरण और विपणन विषय पर तीन और चार फरवरी को सवेरे 11 बजे से विचार गोष्ठी भी आयोजित की जाएगी।