अम्बिकापुर सीआरपीएफ ने नक्सल समस्या से निपटने एक यूनिक तरीका अपनाया है… जिसके लिए गृहमंत्रालय के हरी झंडी देने के बाद सीआरपीएफ ने एक विशेष तरह की बटालियन तैयार की है…. जिसमे पहले तो बस्तर इलाके के स्थानिय युवाओ को सीआरपीएफ के तय मापदण्डो मे छूट देकर भर्ती किया गया.. अब उनको केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के तय मापदण्डो की ट्रेनिंग देकर तैयार किया जा रहा है… जिसके बाद ये कयास लगाए जाने लगे है कि इस बटालियन के ट्रेनिंग लेने के बाद बस्तर के घोर नक्सल क्षेत्र मे सीआरपीएफ को नक्सलियो से लोहा लेने मे आसानी होगी….. गौरतलब है कि आज केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा पासिंग आउट परेड की सलामी लेने के बाद बस्तरिया बटालियन के जवान बस्तर मे नक्सल समस्या निपटाने जंगल मे उतर जाएगें…
ट्रेनिंग के बाद नक्सलियो के गढ मे होंगे तैनात
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल का बस्तरिया बटालियन छत्तीसगढ़ में नक्सलरोधी अभियान के लिए तैयार है…छत्तीसगढ के अम्बिकापुर में 21 मई 2018 को पासिंग आउट परेड के तुरंत बाद इन बस्तरिया जवानों को नक्सलियों के गढ़ बस्तर डिवीजन में नक्सलरोधी अभियान के लिए तैनात किया जाएगा… बस्तरिया बटालियन को सीआरपी की 241 के नाम से भी जानी जाएगा… हांलाकि बस्तरिया बटालियन इस उपनाम रखा गया है, लेकिन ये बस्तरिया बटालियन के रूप मे ही चर्चा बटोर रही है…. क्योकि इस बटालियन में जवानों का चयन छत्तीसगढ़ के घोर नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, दंतेवाड़ा, नरायणपुर और सुकमा जिलों में किया गया है…
बटालियन मे 33% महिला आरक्षण
गौरतलब है कि नक्सलियो के दस्ते या कंपनी मे महिलाओ की अच्छी खासी तादाद है… जिसको देखते हुए बस्तरिया बटालियन महिलाओं को भी शामिल किया गया है.. खास बात ये है कि सीआरपीएफ की 241वी बटालियम मे सरकारी आरक्षण नीति का अपनाया गया है और महिलाओ को 33प्रतिषत आरक्षण दिया गया है…. इस नए बटालियन को बनाने के पहले चरण में अक्टूबर 2016 के मध्य से जनवरी के अंत तक केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा बस्तर क्षेत्र में विषेष भर्ती अभियान चलाकर 739 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था… जिसमें 189 महिला सहित कुल 534 रिक्रूटों को ए.टी.सी. बिलासपुर और ए.टी.सी. अम्बिकापुर में 44 सप्ताह का विषेष प्रषिक्षण दिया गया है…
जंगल युद्द समेत कई तकनीक का प्रशिक्षण
बस्तरिया बटालियन को दिए जा रहे प्रशिक्षण में गुरिल्ला युद्ध,छद्म और स्वल्पहार रहकर लड़ना के साथ ही जंगल युद्ध की सभी तकनीक की ट्रेनिंग दी गई है… पासिंग आउट परेड के बाद ये जवान छत्तीसगढ़ के नक्सली क्षेत्रों में केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल के सामान्य ड्यूटी बटालियन एवं कोबरा बटालियन के नक्सलियों से लड़ने के लिए तैनात किए जाएंगे.. जिसके बाद स्थानिय परिस्थियो और अपने जंगल की भोगौलिक स्थिती को जानने वाले इस बटालियन के जवान नक्सलियो के आसानी से पटखनी दे सेकेंगे…
भर्ती मे मापदण्डो को किया गया दरकिनार
पिछले साल अप्रैल महीने की शुरूआत में बस्तरिया बटालियन अस्तित्व में आई थी… इसके बनने के बाद बस्तर क्षेत्र के स्थानीय युवाओ को प्रतिनिधित्व को बढ़ाने के लिए बनाया गया है… इससे ना केवल बस्तरिया युवाओं को रोजगार के लिए एक स्वर्णिम अवसर मिला है… बल्कि इसके बस्तर के जंगल मे उतरने के बाद नक्सल समस्या को समाप्त करने की शुरूआत के रुप मे भी देखा जाने लगा है…. वैसे इस बटालियन को बनाने के लिए भर्ती प्रक्रिया सीआरपीएफ के मापडण्डो को दरकिनार भी किया गया है… क्योकिं इस बटालियन मे लिए गए महिला-पुरूष को उनके उंचाई और वनज के शारीरिक मानकों में छूट दी गई है… इसके अतिरिक्त स्थानीय युवाओं को इस भर्ती प्रक्रिया का पूर्ण लाभ उठाने के लिए भर्ती से पहले केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल द्वारा सिविक एक्षन प्रोग्राम के माध्यम से शैक्षणिक एवं शारीरिक प्रषिक्षण प्रदान किया गया…..लगभग एक वर्ष के कठिन प्रषिक्षण और भौगोलिक स्थिति के अनुभव के साथ सी.आर.पी.एफ. के ये लडाकू जवान अब में बस्तर के जंगल की जंग के लिए तैयार हैं…