प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ ने रविवार को मुलाकात की तथा द्विपक्षीय संबंधों को सामान्य बनाने के उपायों पर चर्चा की। संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर दोनों नेताओं की मुलाकात पाकिस्तान से पैदा होने वाले आतंकवाद को लेकर भारत द्वारा चिंता जताए जाने की पृष्ठभूमि में हुई है।
मुलाकात के दौरान मनमोहन सिंह ने पाकिस्तानी सरजमीं से पैदा होने वाले आतंकवाद के मुद्दे को उठाया तथा इस्लामाबाद से कहा कि वह सीमा पार आतंकवाद को खत्म करने के लिए और अधिक कदम उठाए। सिंह के साथ विदेश मंत्री सलमान खुर्शीद, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार शिवशंकर मेनन तथा विदेश सचिव सुजाता सिंह भी मुलाकात के दौरान मौजूद थीं। पाकिस्तानी पक्ष से शरीफ के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज उपस्थित थे।
दोनों प्रधानमंत्रियों की मुलाकात जम्मू में हुए दोहरे आतंकी हमले के कुछ दिन बाद हुई है। इन हमलों में 10 लोग मारे गए थे।
भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कल संयुक्त राष्ट्र महासभा में कहा कि वार्तालाप की प्रक्रिया में प्रगति के लिए यह जरूरी है कि पाकिस्तान अपनी जमीन से आतंकी मशीनरी को बंद करे, जिसे वहां से पोषण मिलता है। उन्होंने कहा कि आतंकवाद की धुरी पाकिस्तान में है और वह चाहते हैं कि समस्या को हल किया जाए।
मनमोहन सिंह ने शरीफ की कश्मीर मुद्दे का समाधान सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों के मुताबिक करने की मांग को वस्तुत: खारिज करते हुए कहा कि भारत शिमला समझौते के तहत सभी मुद्दों को सुलझाने का पक्षधर है। उन्होंने कहा कि भारत पाकिस्तान के साथ जम्मू-कश्मीर सहित सभी मुददों का समाधान शिमला समझौते के आधार पर द्विपक्षीय संवाद के जरिए हल करने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस मुलाकात से पहले शरीफ की ओर से प्रधानमंत्री सिंह को कथित तौर पर देहाती औरत बताए जाने को लेकर विवाद खड़ा हो गया। इस विवाद को उस वक्त हवा मिली जब एक पाकिस्तानी पत्रकार ने कहा कि शरीफ ने देहाती औरत जुमले का इस्तेमाल उनके (पत्रकार) और एक भारतीय टीवी पत्रकार के साथ नाश्ते के समय किया तथा अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से पाकिस्तान को लेकर सिंह द्वारा शिकायत किए जाने पर नाखुशी भी जाहिर की।
बाद में, पाकिस्तानी पत्रकार और राजनयिकों ने शरीफ द्वारा सिंह के खिलाफ ऐसी कोई टिप्पणी किये जाने से इंकार किया।