भिलाई
नेपाल के काठमांडू से 13 जून 2012 को भिलाई पहुंचे इस गिरोह का उद्देश्य 2 करोड़ का बेशकीमती हीरा बेचना था लेकिन इससे पहले कि ये हीरा बेच पाते पुलिस ने इन्हे दबोच लिया संदेह के आधार पर इनसे जब कड़ी पूछताछ कि गयी तो इन्होने बताया कि भिलाई के किसी कथित पंडित से इनकी मुलाक़ात काठमांडू में हुई थी और उसी पंडित के कहने पर ये गिरोह हीरा बेचने भिलाई तक पहुंचा था पकडे गए इन युवको का नाम पशुपतिनाथ, सुभाष खड़कर निवासी काठमांडू और धीरेन्द्र बहादुर निवासी सीतापुर यू पी है गिरोह के पास से जो हीरा बरामद हुआ है वो 23. 11 कैरेट का है जिसकी अनुमानित कीमत 2 करोड़ रूपये है। गिरोह के द्वारा हीरे का कोई दस्तावेज न दे पाने कि वजह से पुलिस ने सभी के खिलाफ मामला दर्ज कर न्यायलय में प्रस्तुत कर दिया।
अक्टूबर 2013 में सभी आरोपियो को एक – एक वर्ष कि सजा तो सूना दी गयी लेकिन हीरे के वारिश का अंत तक पता ना चल सका हालाकि आरोपियो ने खुद को इस हीरे का मालिक बताते हुए हीरा हासिल करने के लिए कोर्ट में आवेदन भी लगाया था लेकिन आरोपियो द्वारा यहाँ भी हीरे का दस्तावेज ना पेश कर पाने कि वजह से कोर्ट ने इस हीरे को सरकारी खजाने में जमा कराने का आदेश जारी कर दिया।