अंबिकापुर-निलय त्रिपाठी
जिला और स्थानीय प्रशासन द्वारा लगातार दिए जा रहे कड़े निर्देशों के बाद भी कुछ शैक्षणिक संस्थान प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की फजीहत करने पर तुले हुए हैं ।बतौली स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में आज भी कोयले से विद्यार्थियों के लिए भोजन बनाया जा रहा है ।लगातार उठ रहे धुएं के गुबार से विद्यार्थियों के स्वास्थ्य पर होने वाले कुप्रभाव की ओर किसी का ध्यान नहीं है ।इस मामले में विद्यालय कि अधीक्षिका ने भी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। जबकी हालही में जिले में कोयले की आग के जहरीले धुंए से कई मौत होने का मामला सामने आया था बावजूद इसके लापरवाही बरती जा रही है.
बतौली के भटको में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय स्थित है ।सौ सीटर आवासीय विद्यालय में आज भी कोयले से भोजन बनाया जा रहा है। बकायदा चूल्हा जला कर छोटे से कमरे में भोजन बनता है ।इस दौरान धुएं का गुबार उठता है और पूरे विद्यालय को यह धुआं प्रभावित कर जाता है ।शासन के निर्देशों के तहत प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत प्रत्येक छात्रावासों, आश्रमों में गैस कनेक्शन दिए गए हैं ।कड़े निर्देशों के तहत हर महीने गैस की रिफिलिंग कराना आवश्यक है। लेकिन कुछ शैक्षणिक संस्थान इन आदेशों की धज्जियां उड़ा रहे ।बतौली स्थित कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की भी यही स्थिति है ।इस मामले में गौरतलब है कि उक्त आवासीय विद्यालय में कोयले का विशाल भंडार भी संग्रहित किया गया है ।कोयले के जलने से कार्बन मोनोऑक्साइड नामक जहरीली गैस का रिसाव होता है जो छात्राओं के लिए काफी हानिकारक सिद्ध हो सकता है ।इस मामले में विद्यालय प्रबंधन ने भी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है ।स्थानीय स्तर पर भी जिम्मेदार लोगों का ध्यान इस ओर नहीं है ।कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय का प्रबंधन जिले स्तर के अधिकारी देखते हैं ।स्थानीय तौर पर कोई भी अधिकारी विद्यालय की व्यवस्थाओं के लिए नियुक्त नहीं है ।यही वजह है कि विद्यालय प्रबंधन की दादागिरी कई मामलों में चलती रहती है ।
श्रीमती शारदा देवनाथ पैंकरा ( अध्यक्ष जनपद पंचायत बतौली)
विद्यालय प्रबंधन को गैस से भोजन बनाने के लिए कहा गया है लेकिन नियमों की अनदेखी कर कोयले से भोजन बनाया जाता है। विशाल भंडार आवासीय विद्यालय में कोयले का रखा गया है ।बार-बार शिकायतों के बाद भी कार्यवाही नहीं हो रही है ।
शांतिमनी कुजूर अधीक्षिका कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय बतौली
आवासीय विद्यालय में समूह द्वारा मध्यान्ह भोजन बनाया जाता है ।समूह ही कोयले से भोजन बनाता है ।इस मामले में मेरी जिम्मेदारी नहीं है। छात्रावास की ओर से जो भोजन रात में उपलब्ध कराया जाता है वह गैस से बनाया जा रहा है।