@krishnmohankumar
बलरामपुर जिला सत्र न्यायालय की मांग को लेकर बलरामपुर जिला मुख्यालय के लोग आज सुबह से ही विरोध प्रदर्शन कर रहे है,मुख्यालय के सभी व्यवसायिक प्रतिष्ठानें बन्द है,और बलरामपुर वासी अब कलेक्टर को ज्ञापन सौंपने के मूड में है। गौरतलब है की सरगुजा से अलग कर बलरामपुर जिले के निर्माण की घोषणा के समय से ही बलरामपुर और रामानुजगंज के लोगो में विवाद चला आ रहा है..
दरअसल सुरक्षा कारणों से जिला मुख्यायल बलरामपुर को बनाया गया जबकी विभाजित जिले का बड़ा कस्बा रामानुजगंज था और वहां पहले से भी कई शासकीय कार्यालय संचालित थे इस लिहाज से रामानुजगंज के लोगो ने बलरामपुर को जिला बनाने का विरोध किया था.. इधर प्रदेश सरकार द्वारा बलरामपुर के नाम की घोषणा और विरोध के बाद बलरामपुर वाले भी जिला मुख्यालय को बलरामपुर में ही रखने के लिए सडको पर उतर गए थे.. लिहाजा विवादों के बीच नए जिले की सौगात देने बलरामपुर पहुचे मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने जिले का नाम संयुक्त रूप से रखने की बात कह कर लोगो में सामंज्यस्य स्थापित करने की कोशिस की थी.. लिहाजा इस जिले को शासकीय रूप से बलरामपुर-रामानुजगंज जिला कहा जाता है.. लेकिन सीमा पर सीमा की यह लड़ाई ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है..
बलरामपुर में डीजे कोर्ट खोलने की मांग…
वही अब बलरामपुर जिले में राज्य सरकार ने जिला सत्र न्यायालय खोले जाने की घोषणा की है,और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह जिला सत्र न्यायालय की अपर सत्र न्यायालय रामानुजगंज में औपचारिक शुरुआत 27 जनवरी को करने वाले।