@Deshdeepakgupta
अंबिकापुर मेडिकल कालेज अपस्ताल की मानीटरिंग के लिए जिला प्रशासन द्वारा बनवाये गए एप्लीकेशन DMAAA के फायदे अस्पताल के मरीजों को मिलते दिखने लगे है.. पहले डाक्टरों की अस्पताल में नियमित अनुपस्थिति और वार्डो में राउंड से मरीजो को लाभ मिला.. तो अब मरीजो को खाना व नाश्ता परोशने वाले मेडिकल कालेज अस्पताल के किचन की निगरानी के परिणाम स्वरुप मरीजो को मिलने वाले खाने की गुणवत्ता में भी बड़ा परिवर्तन आया है..
दरअसल इस एप्लीकेशन की मानीटरिंग ड्यूटी में लगाये गए अधिकारियों सहित खुद कलेक्टर किरण कौशल भी करती हैं.. लिहाजा मरीजो को मिलने वाले खाने की गुणवत्ता में कमी पाए जाने वजह से उन्होंने अपस्ताल के किचन में भी कुछ नए संसाधनों को बढाया है..
दरअसल मेडिकल कालेज अपस्ताल में मरीजो को मिलने वाले अंडे की मात्रा में कभी कमी देखने को मिलती थी तो कभी बर्तन के आभाव में मरीजों को गिलास और लोटे में ही खाना लेते देखा जाता था.. लिहाजा मोनीटरिंग के दौरान उच्चाधिकारियों सहित कलेक्टर सरगुजा के संज्ञान में भी यह समस्या आई जिसके बाद कलेक्टर के निर्देश पर मेडिकल कालेज अस्पताल के किचन में मरीजो के खाने के लिए थालियाँ खरीद ली गई है, और रेस्टोरेंट की तरह यह थाली मशीन के माध्यम से पैक करने के बाद मरीजो को दी जा रही है.. जाहिर हैं इससे मरीजो को मिलने वाले भोजन की मात्रा की मानीटरिंग भी आसान होगी और गरम पैक खाना वार्ड में मरीजो तक पहुँच सकेगा..
बहरहाल सरगुजा कलेटर किरण कौशल का यह प्रयास कारगार साबित हो रहा है.. भले ही लापरवाह डाक्टारो को इससे परेशानी बढ़ गई है.. लेकिन कलयुग का भगवान् माने जाने वाले डाक्टर जो वाकई मरीजो की सेवा करना चाहते है उन्हें इससे कोई तकलीफ नहीं है.. और मेडिकल कालेज अस्पताल के हालत पहले से बेहतर है.. कारण है प्रशासनिक दखल, इस एप्लीकेशन के बाद से स्वास्थ विभाग में जिला प्रशासन की दखल बढ़ गई है.. और आनलाइन मानीटरिंग की वजह से ना तो कोई लापरवाही कर पा रहा है और ना ही लापरवाही के बाद झूठ बोल पा रहा है.. अलबत्ता मरीज संतुष्ट है वो जिस वजह से अपस्ताल में जाते है.. अब उन्हें वो सुविधा डाक्टरों की उपस्थित के रूप में पूरी तरह से मिल रही है..