20 दिन में 45 ग्रामों का पदयात्रा कर जनता से होगें रूबरू
जांजगीर चांपा (संजय यादव) चुनाव नजदीक आते ही नेताओें को जनता की याद आती है। तबी नेताओ द्वारा अपने -अपने अंदाज में अपना कार्यक्रम तय कर वोटरो के पास पहुंचने की कोशिश में लगे रहते है। ऐसी ही जांजगीर चांपा विधान सभा के विधायक मोती लाल देवागंन आज से 20 दिवसीय पदयात्रा की शुरूवात करने जा रहे है। पदयात्रा कर 45 ग्रामों तक पहुचने की कोशिश करेगें। पदयात्रा के इस क्रम में कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी एक बार जिले के कुछ क्षेत्रों मे पदयात्रा कर कार्यकर्ताओ को रिचार्ज कर चुके है। इसके बाद विधायक मोती देवागंन भी अपने अंदाज में कमी -बेसी को पुरा करने दुबारा पदयात्रा कर रहे है। इस पदयात्रा के बहाने वे वोटरो से संपर्क कर अपने क्षेत्रों मे किये विकास कार्यो का बखान करते हुऐ हुए रमन सरकार की कमीयों को गिनायेगें। अब दिखना होगा की इस पदयात्रा के बहाने वोटरो को विधायक कितना साध पाते है। वैसे जांजगीर चांपा विधानसभा का इतिहास रहा है कि विधानसभा में विधायक दोबारा चुन कर नही आये है। इसी कडी में कांग्रेस विधायक अपने आप को जनता से कितना नजदीक पाते है इस पदयात्रा से पता चल जायेगा. वैसे विधायक अपने बल बुते पर ही इस पदयात्रा के शुरूवात करेगें इस पदयात्रा मे कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी दुरियां बनाये हुऐ है। विधायक के साथ संगठन के पदाधिकारीयों की दुरियां भी किसी से छिपी नही है . क्योकि विधायक को संगठन से ज्यादा अपने आप पर विश्वास है. आने वाले विधान सभा चुनाव में विधायक को अपने विधान सभा से टिकिट मिलने की कोई शंका नही है। इसी लिए वे अपने कुछ को छोड कर कुछ क्षेत्रों के कार्यकार्ताओं पर ज्यादा विश्वास रखते है। विधायक के पदयात्रा से इस बात का अंदाज लग जायेगा कि विधायक की 5 वर्ष के कार्यकाल में किसने विकास कार्य अपने क्षेत्र के जनता के लिए किये है। वही इस बात की पता लग जायेगा कि जनता अभी भी अपने विधायक के पक्ष में है या जनता से विश्वास खो चुके है। विधायक देवागंन के लिए यह पदयात्रा बडे़ मायने रखने वाला है। इस यात्रा से विधायक को तैयार रहना होगा कि जनता की खरी-खेाटी बात भी उन्हे सुनने को मिलेगें। कांग्रेस पार्टी मेें अभी से विधायक को टक्कर देने कई नेता अपनी शक्ति प्रदर्शन कर रहे है। जिसमें कईयों ने अपना प्रचार प्रसार की शुरूवात वाल पेंटिग कर शुरू भी कर दिये हैं. विधायक के लिए भी आने वाला विधान सभा चुनाव को पार पाना बहुत कठीन होगा. क्योकि विधायक ने अपने 4 वर्ष के कार्यकाल में बहुत विरोधियों को अपने लिए खडें कर चुके है। अब सामना भी खुद को करना होगा।