बलरामपुर (कृष्णमोहन कुमार) देश के प्रधानमंत्री की गरीबो को पक्के घर दिए जाने की जनकल्याणकारी महत्वकांक्षी योजना भी अब अधर में है,और पंचायती अमला इस योजना में भी लापरवाही बरतने में कोई कोर कसर नही छोड़ रहा है,दरसल ग्राम पंचायत खड़ियाडामर में 83 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गए थे,लेकिन ग्रामीणों का आरोप है कि ठेका पद्धति से काम कराए जाने,और तकनीकी मानिटरिंग नही होने के चलते ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम झपरा में निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवास का छज्जा ढह गया,जिससे हितग्राही को गम्भीर चोटें आई है,और बेहतर उपचार के लिए हितग्राही कृष्णा कोडाकू को रायपुर रिफर कर दिया गया है,लेकिन हाल ही के दिनों में अप्रत्याशित रूप से घटित इस घटना की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नही है।
PMAY में भी करप्शन का जुगाड़…
बलरामपुर जनपद पंचायत क्षेत्र के ग्राम पंचायत खडियाडामर में 83 प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किये गए थे,और लगभग सभी प्रधानमंत्री आवास निर्माणाधीन है,वही ग्रामीणों की माने तो पंचायती अमला इस महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में लापरवाही बरत रहा है,यही नही प्रधानमंत्री आवास का निर्माण कार्य तकनीकी जानकारों के देखरेख में होना था,उसे भी नजरअंदाज करते हुए घटिया निर्माण कार्य कराया जा रहा है,और इसी का परिणाम है कि,निर्माणाधीन प्रधानमंत्री आवास के छज्जा ढलाई का सेंटिंग खोलते समय ही छज्जा ढह गया,जिसके चलते वहाँ मौजूद इस योजना के हितग्राही के सिर पर गम्भीर चोट लग गई,और उसे आनन फानन में अस्पताल ले जाया गया।
सही पैमाने पर नही बन रहे-PMAY
प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत पक्के मकान बनाये जाने का प्रावधान है,और इस योजना की राशि का भुगतान सीधे हितग्राहियों के बैंक खाते में तीन किस्तो में दिया जाता है,तथा प्रधानमंत्री आवास का निर्माण हितग्राही को खुद ही जनपद पंचायत के तकनीकी सहायको के देखरेख में करना होता है,बावजूद इसके सरपंच,सचिव पर ठेका पद्धति से गुणवत्ताविहीन निर्माण कार्य कराए जाने का आरोप लग रहा है,जो समझ से परे है।
मामला संज्ञान में लेकर करूँगा जांच-प्रमोद…
वही इस पूरे मामले में जनपद पंचायत के सीईओ प्रमोद सिंह जांच के बाद कार्यवाही करने का आस्वासन दे रहे है,जनपद सीईओ का कहना है कि उन्हें इस मामले की जानकारी नही है।