कहा जाता है कि आज के समय में आगे बढ़ने के लिए इंग्लिश भाषा का अच्छा ज्ञान होना जरूरी है, पर आज हम आपको देश की एक ऐसी बड़ी कंपनी से मिलवा रहें हैं जहां उन लोगों को नौकरी पहले मिलती है जिनको इंग्लिश नहीं आती है। जी हां, अपने देश में एक ऐसी कंपनी भी मौजूद है जहां उन लोगों को सबसे पहले जॉब मिलती है, जिनको इंग्लिश नहीं अति है या कम आती है। आज हम आपको इस कंपनी के मालिक से मिलवा रहें हैं। आपको हम यह भी बताएंगे कि इस कंपनी के मालिक कम इंग्लिश आने वाले लोगों को अपने यहां जॉब पर क्यों रखते हैं। आइए जानते हैं इस कंपनी और इसके मालिक के बारे में..
आपको सबसे पहले हम बता दें कि अंग्रेजी भाषा का कम या ना के बराबर ज्ञान रखने वाले लोगों को जो कंपनी जॉब देती है उसका नाम “थायरोकेयर टेक्नोलॉजीस लिमिटेड” है। इस कंपनी के मालिक “डॉ. ए वेलुमणि” हैं। आपको हम बता दें कि डॉ. ए वेलुमणि एक मोटिवेशनल स्पीकर भी हैं। हाल ही में सीआईआई और यंग इंडियंस की ओर से एक प्रोग्राम हुआ था। यहां पर डॉ. ए वेलुमणि स्पिच देने के लिए आए हुए थे। डॉ. ए वेलुमणि ने आए हुए लोगों को बताया कि यदि आपके जीवन का उद्देश्य सिर्फ जीना ही है, तब आप केपीएम (खाओ-पियो-मरजाओ) तक ही सीमित रह जाओगे, पर यदि आप जीतने का प्रयास करते हैं, तो आप एकेएपीएम (अच्छा खाओ-अच्छा पियो-मरजाओ) तक जरूर पहुंचोगे। डॉ. ए वेलुमणि ने अपनी कंपनी के बारे में बताते हुए कहा कि “जरूरी नहीं है कि आपको अंग्रेजी का अच्छा ज्ञान हो, इसलिए आपको नॉलेज भी अच्छी ही होगी। हां, यदि आपकी नॉलेज अच्छी है तो अंग्रेजी का ज्ञान हो ही जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि मेरी कंपनी में उन लोगों की एंट्री जल्दी हो जाती है, जिनको अंग्रेजी का ज्ञान अच्छा नहीं होता। असल में मुझे लगता है कि यदि अंग्रेजी अच्छी नहीं है, तब भी नॉलेज अच्छी हो सकती है।” आपको हम यहां यह भी बता दें कि डॉ. ए वेलुमणि की कंपनी थायरोकेयर टेक्नोलॉजिस लिमिटेड एनएसई में 4000 करोड़ की कंपनी के तौर पर दर्ज है।