राजपुर (पूरन देवांगन) विकास खण्ड राजपुर अंतर्गत हिंदी माध्यम व अंग्रेजी माध्यम के 30 गैर शासकीय स्कूल संचालित है जिसमे प्राइमरी स्कूल 30 ,मिडिल स्कूल 13,हाई स्कूल 5 है लेकिन कई स्कूलों में कार्यरत शिक्षकों के पास न तो बीएड है और न ही डीएड की डिग्री है इन गैर शासकीय संस्थओं के द्वारा अंग्रेजी माध्यम का बोर्ड लगाकर अभिभावकों से मनमानी फीस की प्रतिमाह वसूली की जाती है जबकि शासन के मंशा अनुरूप प्रत्येक स्कूल में पालक संघ का गठन करना अनिवार्य है और टयूशन फीस के सम्बंध में पालक संघ की सहमति बनाना भी अनिवार्य है। विकास खण्ड राजपुर में कई गैर शासकीय स्कूलों के पास न तो प्रयोग शाला और न ही खेल मैदान है, और शौचालय जैसी सुविधाएं तो कोसो दूर है। इन सब कमियों के बाबजूद इन गैर शासकीय संस्थओं के द्वारा विकास खण्ड शिक्षा कार्ययालय के सह पर ट्यूशन फीस के रूप अवैध रूप से मनचाही फीस की वसूली की रही है। जिसका अतिरिक्त बोझ पालको को मजबूरन उठाना पड़ रहा है।
विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी से इन गैर शासकीय मान्ययता प्राप्त शिक्षण संस्थानों की सूची व मान्यता प्राप्त गैर शासकीय संस्थाओं में कार्यरत शिक्षकों की योग्यता के सम्बंध में सूचना के अधिकार के तहत दिनाँक 05/06/2017 को जानकारी चाही गई थी लेकिन विकास खण्ड शिक्षा विभाग के लिपिक के द्वारा आवेदन में कूट रचना करते हुवे दिनाँक 05/07/2017 यह बताते हुये की आवेदक के द्वारा आवेदन शुल्क जमा नही किया गया है, इसलिए आवेदन निरस्त किया जाता है। आवेदक के द्वारा पुनः दिनाँक 05/07/2017 को आवेदन प्रस्तुत किया गया तो कार्ययालय विकास खण्ड शिक्षा अधिकारी के द्वारा पृष्ठांकन क्रमांक /498/स्था/कार्य/विभाजन/ख,शि,अ,
गौरतलब है निजी स्कूलों का नियंत्रण जिला शिक्षा अधिकारी के पास रहने के बाद भी यदि विकास खंड शिक्षा अधिकारी को यदि आवेदक द्वारा सूचना का अधिकार के संबंध में यदि जानकारी मांगी जाती है तो आवेदन को धारा 6(3) के तहत जिला शिक्षा अधिकारी को आवेदन हस्तांतरित करने का प्रावधान है।इस सम्बंध में विकास खंड शिक्षा अधिकारी विनय कुमार अम्बष्ठ ने बताया कि निजी शिक्षण संस्थाओं की मान्यता प्राप्त स्कुलो का नियंत्रण जिला शिक्षा अधिकारी के पास रहता है और सारी कागजात वहीँ जमा रहता है।कुछ स्कुलो से जानकारी मंगाकर दी जा रही थी परंतु आवेदक ने लेने से इनकार कर दिया।