अंबिकापुर-(देश दीपक/सुशील कुमार) देश के राष्ट्रीय पक्षी मोर को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस महेश चन्द्र शर्मा द्वारा दिए गए बयान को वैज्ञानिको ने गलत बताया है… जस्टिस शर्मा ने बयान दिया था की मोर ब्रम्हचारी होता है.. वो सहवास नहीं करता.. लेकिन विज्ञान इस बात से इत्तेफाक नहीं रखता…विज्ञान के अनुसार मोर भी सहवास करते है और तब मोरनी प्रजनन करती है।
राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस महेश चन्द्र शर्मा ने कहा था की मोर आजीवन ब्रह्मचारी होता है.. उसके आंसू को चुगकर मोरनी गर्भवती होती है…और इनके इस बयान के बाद शोसल साईट पर मोर के सहवास करने को लेकर कौतूहल मचा हुआ था…लेकिन अंबिकापुर के पशु चिकित्सक चन्द्र कुमार मिश्रा ने इस बात को पूर्णतः असत्य बताया है और दावा किया है की मोर भी सहवास करता है।
वीडियो में देखे मोर के सहवास करने की पूरी कहानी –
अम्बिकापुर के संजय वन वाटिका में पिछले चार वर्ष पूर्व पशु चिकित्सक डॉ चन्द्र कुमार मिश्रा ने अपनी टीम के साथ मोर के संरक्षण के लिए विशेष कार्ययोजना शुरू की थी… जिसमे इनके द्वारा मोर मोरनी को वन वाटिका में रख कर डॉ मिश्रा ने काफी समय बिताया है….लिहाजा अपने इस अनुभव के आधार पर डॉ मिश्रा ने मोर-मोरनी के सहवास करने की बात कही है..
बहरहाल मोर-मोरनी के सहवास को लेकर महज जस्टिस शर्मा ही नहीं बल्की देश में कई अन्य लोग भी इस गफलत में है की मोर सहवास नहीं करता है…. कुछ का तर्क तो यह भी है की मोर भोगी नहीं योगी होता है..लेकिन शर्मा द्वारा दिए गए बयान के बाद हमने पशु चिकित्सक से इस मामले की सच्चाई जानी… और पशु चिकित्सक ने मोर के सहसाव ना करने की बात को सिरे से खारिज कर दिया है।