फार्मासिस्टों के अधिकार के लिए छत्तीसगढ़ युवा फार्मासिस्ट असोसियेशन का संघर्ष सतत जारी
कोरिया-(राजन पाण्डेय) छत्तीसगढ़ युवा फार्मासिस्ट असोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष राहुल वर्मा फार्मासिस्टों के अधिकारों को लेकर सतत संघर्ष कर रहे है इस संबंध में उन्होने कई बाद प्रदेश स्तर पर स्वास्थ्य सचिव को लिखित आवेदन दे कर उचित कार्यवाही किये जाने की मांग भी किया है बावजूद किसी भी प्रकार की ठोस कार्यवाही नही होने पर उन्होने प्रदेश सरकार पर फार्मासिस्टों के उपेक्षा का आरोप भी लगाया है। इस संबंध में राहुल वर्मा ने जानकारी देते हुए बताया की फार्मेसी एक्ट, ड्रग एंड कास्मेटिक एक्ट और फार्मेसी प्रेक्टिस रेगुलेशन एक्ट का कड़ाई से अनुपालन किए जाने की मांग अब जोर पकड़ती जा रही है लेकिन शासन प्रशासन इस नियम का कड़ाई से पालन नही करा रहा है उन्होने कहा की प्रदेश स्तर पर कई स्थानों पर गैर फार्मासिस्ट लोगों को दवाएं दे रहे हैं, यह गलत है। अप्रशिक्षित लोगों की वजह से दवाओं का दुरुपयोग बढ़ रहा है।
रिक्त पदों पर हो भर्ती
उन्होने पीपीआर 2015 के प्रवाधानों अनुसार प्रदेश के सभी शासकीय स्वास्थ्य केन्द्रों में फार्मासिस्टों के भर्ती किये जाने की मांग करते हुए कहा की राज्य में अभी भी फार्मासिस्टों को बहुत पद खाली हैं और अप्रशिक्षित लोगों से दवा का वितरण कराया जा रहा है। जो कि नियमानुसार सही नही है। उन्होने सरकारी सिस्टम को दोष पुर्ण बताते हुए कहा की फार्मासिस्टों का कोई उच्च पद नही है इस कारण इनके उन्नयन पर तत्काल निर्णय लिये जाने की आवश्यकता है।उन्होने पीपीआर 2015 का हवाला देते हुए कहा की ब्लाक मुख्यालय में चीफ फार्मासिस्ट एवं जिला स्तर पर फार्मेसी अधिकारीयों की पदस्थापना शासन स्तर पर होनी चाहिए । उन्होने कहा की शासन द्वारा उपेक्षित किये जाने के कारण 5 हजार से अधिक फार्मासिस्ट बेरोजगारी का दंश झेल रहे है।
फार्मासिस्टों का बने वर्किंग मेनुवल
राहुल वर्मा ने बताया की संचालक स्वास्थ्य सेंवाएं इ एस आइ एवं जेल चिकित्सा सेवाओं के लिए विभाग द्वारा वर्किंग मेनुवल नही बनाया गया है। इसके अतिरिक्त चिरायू सेवाओं में फार्मासिस्टों को कार्य अनुसार कम वेतन दिये जाने से फर्मासिस्ट कुंठा का शिकार हो रहे है। इसके अतिरिक्त उन्होने फर्मासिस्टों को आरएसबीवाई में प्रोत्साहन राशी प्रदान किये जाने का भी मांग किया है।