नई दिल्ली – ईवीएम विवाद के बीच चुनाव आयोग ने आज सुबह 10 बजे सर्वदलीय बैठक बुलाई है. राष्ट्रीय स्तर की 7 और राज्य स्तर की 48 छोटी-बड़ी राजनीतिक पार्टियां इस बैठक में शामिल होंगी. सभी पार्टियों के नुमाइंदे अपनी शिकायत और सुझाव लेकर पहुंचेंगे. हाल के दिनों में कांग्रेस, आम आदमी पार्टी, बसपा, सपा समेत कुल 16 पार्टियों ने ईवीएम की विश्वसनीयता को लेकर सवाल उठाए थे, जिसके बाद चुनाव आयोग ने यह बैठक बुलाई है. चुनाव आयोग ने सभी पार्टियों को ईवीएम से छेड़छाड़ साबित करने की चुनौती दी है. इसके लिए इस महीने के आखिरी हफ्ते में हैकाथॉन की तैयारी है. आज की बैठक में हैकाथॉन की तारीख़ तय हो सकती है.
इस सर्वदलीय बैठक में आम आदमी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विधायक सौरभ भारद्वाज करेंगे. सौरभ भारद्वाज के साथ पार्टी के टेक्निकल टीम के सदस्य भी इस बैठक में हिस्सा लेंगे. सौरभ भारद्वाज ने मंगलवार को दिल्ली विधानसभा में ईवीएम जैसी मशीन का डेमो दिखाकर टैम्पर करने का दावा किया और चुनाव आयोग को चुनौती दी कि वे औपचारिक रूप से ईवीएम टैम्पर करने के कार्यक्रम का आयोजन कर जिसमें आप आयोग की ईवीएम को हैक करके दिखाएगी.
ईवीएम पर चर्चा के अलावा चुनाव आयोग की कोशिश ये है कि चुनावों में पैसे के लेनदेन को संज्ञेय अपराध बनाया जाए और चंदे का सिस्टम पारदर्शी हो.
अहम बिन्दू
- चुनावों में रिश्वत संज्ञेय अपराध बने
- प्रतिनिधित्व क़ानून में रिश्वत के मामलों में नई धारा जोड़ी जाए
- आयोग को रिश्वतखोरी पर चुनाव रद्द करने तक का हक मिले
- चुनाव में रिश्वतखोरी पर आरोप तय होते ही विधायक-सांसद अयोग्य हों
- राजनीतिक दलों के चंदे में और पारदर्शिता आए
- 20 करोड़ से ज्यादा कैश चंदा न हो
- या साल के कुल चंदे का 20% से ज्यादा कैश न हो
- 2000 रुपये से ऊपर का गुमनाम चंदा न हो
- चुनावी ख़र्च के लिए उम्मीदवार का अलग बैंक खाता हो
- ईवीएम से VVPAT सिस्टम जोड़ा जाए
EVM और सवालों पर चुनाव आयोग के पास हैं अपने तर्क
- ईवीएम से छेड़छाड़ संभव नहीं
- ईवीएम कंप्यूटर से नहीं चलता
- मशीन इंटरनेट से जुड़ी नहीं
- न फ्रिक्वेंसी रिसीवर है, न वायरलैस या बाहरी डेटा पोर्ट
- ईवीएम बनाने वाले भी छेड़छाड़ नहीं कर सकते
- बनाने वाले को नहीं पता कौन कहां से उम्मीदवार होगा
- चिप में ट्रॉजन हॉर्स नहीं डाला जा सकता
- 2013 के बाद की ईवीएम में नई सुरक्षा प्रणाली
- ओटीपी माइक्रोकंट्रोलर, डायनेमिक कोड
- छेड़छाड़ से 100% सुरक्षित
- विदेशों में बनी ईवीएम इस्तेमाल नहीं
- कई देशों में ईवीएम इसलिए नहीं क्योंकि वो इंटरनेट से जुड़ती थीं
- स्थानीय निकाय चुनाव में चुनाव आयोग की ईवीएम इस्तेमाल नहीं
- चार चरणों में छानबीन
- 1000 वोटों का नकली चुनाव नुमाइंदों की मौजूदगी में
- विधानसभाओं में भेजने से पहले ईवीएम मिला दी जाती हैं
- कड़ी सुरक्षा में स्ट्रांग रूप में रखी जाती हैं
- मतगणना केंद्रों में नुमाइंदों को मुहर दिखाई जाती है
EVM मुद्दे पर विपक्ष एकजुट नहीं दिख रहा है. एक ओर आम आदमी पार्टी ने ईवीएम में छेड़छाड़ कर दिखाने की बात कही है… वहीं ज़्यादातर विपक्षी पार्टियां ईवीएम के साथ पेपर बैक अप मशीन लगाने पर ज़ोर दे रही हैं.