अम्बिकापुर
छत्तीसगढ़ का शिमला कहे जाने वाली सरगुजा का प्रमुख पर्यटन मैनपाट की खूबसूरती पर बदनुमा दाग बन चुका है लगातार यहाँ के पहाडो का दोहन। जाहिर है किसी भी पर्यटन की सुन्दरता वहा के पहाडो से पेड़ पौधों से ही होती है वर्षो से मैनपाट में देखे जाने वाले घने जगल अब मैदान में तब्दील होते जा रहे है। जिसका मुख्य कारण है यहाँ के पहाडो को अविध रूप से काट कर पत्थरों को तोड़ कर गिट्टी का व्यापार। मैनपाट क्षेत्र के असगंवा में हालही में मजदूर लगा कर पहाडो से अवैध गिट्टी खुदवाई जा रही है। स्थानीय जन प्रतिनिधियों ने इसकी शिकायत भी कई बार की है लेकिन सेटिंग का खेल इतना बढ़िया है की अब तक कोई भी अधिकारी इस अवैध उत्खनन को रोकने नहीं पहुचा है और खनन माफिया बेख़ौफ़ होकर पहाडो से गिट्टी की खुदाई करा रहे है।
गौरतलब है की माफियाओं से विभाग की जबरदस्त सेटिंग का उदाहरण यह भी देखा जा रहा है की एक तो अवैध उत्खनन कराया जा रहा है ऊपर से इस काम में नाबालिक बच्चो से मजदूरी भी कराई जा रही है। जाहिर है इतना बड़ा अवैध काम बिना विभागीय सांठ गाँठ के इस तरह खुले आम नहीं किया जा सकता। बहरहाल ये कोई पहली घटना नहीं है वर्षो से थोडा थोडा करके खनन माफियाओं ने मैनपाट की सुन्दरता का दोहन किया है नतीजन आज मैनपाट की वादियों से प्राकृतिक सुन्दरता कम होती जा रही है और यही आलम रहा तो वह दिन भी दूर नहीं जब मैनपाट पर्यटन की दुनिया में महज एक इतिहास बनकर रह जाएगा।
आर.एन.पाण्डेय एसडीएम सीतापुर
इस सम्बन्ध में क्षेत्र के एसडीएम ने कहा है की इस मामले में तत्काल तहसीलदार को भेजकर जांच कराई जाएगी और जांच के आधार पर दोषियों पर कार्यावाही की जायेगी।