आजकल बहुत से लोग बाहर घूमने या छुट्टियां बिताने के लिए अक्सर जाते ही रहते हैं, ऐसे में उनको बाहर जाकर किसी न किसी होटल में रूकना ही पड़ता है, पर आप शायद यह नहीं जानते होंगे कि किसी भी होटल में रूम का नंबर 420 नहीं होता है। जी हां, यह सच है पर बहुत कम लोग ही जानते हैं कि आखिर ऐसा क्यों होता है, इसलिए आज हम आपको बता रहें हैं कि आखिर होटल के किसी भी रूम का नंबर 420 आखिर क्यों नहीं रखा जाता है।
होटल में किसी भी रूम का नंबर 420 नहीं रखने के कई कारण होते हैं, जिनमें से कुछ कारण हम आपको यहां बता रहें हैं। सबसे पहले कारण के रूप में आप इस बात को जान लीजिए की भारतीय दंड संहिता के अनुसार चोरी या बेईमानी करने वाले व्यक्ति पर धारा 420 के तहत ही कार्यवाही होती हैं तो क्योंकि 420 नंबर दंड संहिता के विधान में शामिल है और वह भी बेईमानी जैसी वारदात के लिए इसलिए ही होटल वाले कभी अपने होटल में रूम का नंबर 420 नहीं रखते हैं। इसके अलावा कई लोग मनोवैज्ञानिक रूप से भी इस बात को मानते हैं कि 420 नंबर की किसी भी वस्तु या स्थान का प्रयोग करने पर उनका दिन खराब हो जाएगा, इसलिए होटल विशेष रूप से इस नंबर का कमरा अपने यहां नहीं बनवाते हैं। जानकारी के लिए आपको यहां हम यह भी बता दें कि उत्तराखंड के सचिवालय में भी 420 नंबर का कोई कमरा नहीं है, जबकि 419 और 421 नंबर के रूम वहां बने हुए हैं तो इन कारणों की वजह से ही होटल के लोग अपने यहां 420 नंबर का कमर नहीं बनवाते हैं।