रामानुजगंज में व्यवसायी पर फायरिंग करने वाले तीन आरोपी गिरफ्तार

व्यवसायियों को लूटने में असफल होने पर चलाई थी गोली

रामानुजगंज

बीते 27 दिसम्बर को रामानुजगंज में सर्राफा व्यवसायी को गोली मारने के मामले में पुलिस को बडी सफलता मिली है। बलरामपुर-रामानुजगंज पुलिस टीम ने मामले में संलिप्त तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। रामानुजगंज थाना प्रभारी उपनिरीक्षक एनपी धृतलहरे ने ये कार्यवाही आईजी और एसपी के निर्देश पर की है।

गौरतलब है कि बीते 27 दिसम्बर को रामानुजगंज निवासी अमित सोनी पिता रमेश सोनी अपने चचेरे भाई रूपेश सोनी पिता स्व. सुरेश सोनी निवासी रामानुजगंज के साथ तातापानी साप्ताहिक बाजार कर शाम करीब 6 बजे अपने घर रामानुजगंज आने के लिये अपनी स्कूटी से सोने चांदी की जेवर एवं नगद लगभग 50-60 हजार रूपये लेकर आ रहे थे। उसी दौरान बुलगांव देवगई शंकर मंदिर के पास मोटरसायकल से पीछा कर रहे तीन युवकों द्वारा उन्हें रूकवाने व सोने, चांदी व नगदी को लूटने का प्रयास किया था। व्यवसायी जब किसी तरह भागने लगे, तभी तीनों अज्ञात युवकों द्वारा अपने पास रखे कट्टे से स्कूटी चालक रूपेश सोनी पर गोली चला दी थी। इस हमले में रूपेश के दाहिने हाथ में गोली लगी थी। घटना के बाद तीनों आरोपी वहां से फरार हो गये थे। रिपोर्ट पर पुलिस ने पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर संदिग्ध आरोपियों की धर पकड़ हेतु टीम गठित की गई थी। जिसमें पहले टीम का नेतृत्व थाना प्रभारी रामानुजगंज अमित बघेल व दूसरी टीम का नेतृत्व थाना प्रभारी बलरामपुर केके शुक्ला कर रहे थे। इसी दौरान मुखबीर से सूचना मिली कि विरेंद्र उर्फ बीरा का पुत्र अपने साथियो के साथ तातापानी बुलगांव के पास घूमने देखा गया है। सूचना  पर थाना प्रभारी बलरामपुर केके शुक्ला व थाना प्रभारी रामानुजगंज अमित बघेल ने अपनी टीम के साथ बलरामपुर के तुर्रीडीह मे घेराबंदी कर विरेंद्र उर्फ बीरा के घर छापेमारी कर पप्पू उर्फ पुष्पेंद्र लकड़ा से पूछताछ किया, तो उन्होंने घटना को अंजाम देना स्वीकार किया। घटना में प्रयुक्त कट्टा, दो नग जिन्दा कारतूस, एक नग खोखा बरामद किया गया है। उसके बताये अनुसार उसके साथी भीमनाथ एवं संजय मिंज निवासी तुर्रीडीह बलरामपुर जो कि वर्ष 2005 में डकैती की योजना बनाते हुये आम्र्स एम्युनेशन सहित पकड़े गये थे। व्यवसायी को गोली मारने की घटना के बाद पुनरू औराझरिया में पुनरू लूटपाट करने की योजना बनाना भी स्वीकार किया है, परंतु पुलिस द्वारा आरोपियों की घेराबंदी कर पकड़ लिये जाने से वे अपने योजनाओं पर सफल नहीं हो सके थे।