बहुत से लोग अपने ही घरों में कछुए या मछलियां पालते हैं। असल में बहुत से लोगों की धारणा यह है कि यदि सुबह-सुबह व्यक्ति इनको देख लेता है, तो उसका दिन अच्छा जाता है और उसके किसी काम में रूकावट नहीं आती है, पर आज हम आपको एक ऐसे कछुवे के बारे में जानकारी देने जा रहें हैं, जिसको इसी कारण देखने के लिए लोग कई-कई घंटों का इंतजार करते हैं। आइए जानते हैं इस कछुवे के बारे में…
सबसे पहले तो हम आपको यह बता दें कि ये कछुआ 355 साल का है और लोगों की धारणा है कि यदि वे इसके दर्शन कर लेते हैं, तो उनका दिन अच्छा जाता है, इसलिए ही लोग इस कछुवे को देखने के लिए कई-कई घंटों इंतजार करते हैं। इसके अलावा हम आपको यह भी बता दें कि यह कछुआ जिस तालाब में रहता है, वह 365 साल पुराना तालाब है, इस तालाब में 100 साल से भी ज्यादा उम्र के कई कछुवे रहते हैं। 365 साल के इस तालाब का निर्माण अंग्रजों के कार्य काल में देवी दयाल नामक एक व्यक्ति के पूर्वजों ने कराया था। इस तालाब की लंबाई तथा चौड़ाई 70 फुट है। आइए जानते हैं अब इस सारे मामले को।
असल में यह सारा मामला उत्तरप्रदेश के कानपुर का है। यहां पर पनकी नामक स्थान पर श्री नागेश्वर मंदिर है, जहां पर एक तालाब स्थित है। यह तालाब 365 साल पुराना है तथा इस तालाब में 355 साल पुराना एक कछुआ निवास करता है। यह कछुआ इस तालाब में रहने वाले अन्य सभी कछुओं से ज्यादा उम्र का है। इस कछुए को लोग “शहंशाह कछुआ” कहते हैं। लोगों की मान्यता है कि इस कछुए के दर्शन से लोगों के बिगड़े काम बन जाते हैं इसलिए लोग इस कछुए के दर्शन करने के लिए घंटों खड़े रहते हैं।