मध्यप्रदेश हुआ विद्युत अतिशेष राज्य..

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने की ऊर्जा सहित अनेक विभाग की 100 दिनी कार्य-योजना पर चर्चा

भोपाल : शुक्रवार, जनवरी 3, 2014, 19:04 IST
 

ऊर्जा विभाग की बैठक में बताया गया कि मध्यप्रदेश में विद्युत अतिशेष राज्य हो गया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने निर्देश दिये कि अतिशेष विद्युत के उपयोग की बेहतर व्यवस्था सुनिश्चित की जाये।

नवकरणीय ऊर्जा और खनिज साधन

श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश के संसाधनों के उपयोग के एम.ओ.यू. की प्रक्रिया सरल और पारदर्शी हो। निश्चित समय-सीमा में कार्य प्रारंभ नहीं करने वालों के एम.ओ.यू. निरस्त किये जायं। उन्होंने गौण खनिज उत्खनन की नवीन नई बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि अंधाधुंध उत्खनन नहीं होने पायें। सुनिश्चित किया जाये कि उत्खनन का कार्य ग्राम पंचायतों और छोटे ठेकेदारों के माध्यम से हो। गौण खनिज रेत, गिट्टी आदि के उत्खनन में स्थानीय मजदूरों को रोजगार मिले। खनिज की कीमतें अधिक नहीं हों। आमजन पर अधिक बोझ नहीं पड़े। उन्होंने खनिज विभाग को इस संबंध में 100 दिवस में बेस पेपर प्रस्तुत करने के निर्देश दिये हैं। बैठक में मंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने विभागों की 100 दिवसीय कार्य योजना प्रस्तुत की। उन्होंने बताया कि फीडर सेपरेशन के 6000 करोड़ रुपये के कार्य हो गए हैं। पारेषण क्षति भी 40 प्रतिशत से 25 प्रतिशत तक लाने के प्रयास हो रहे हैं। सारणी का पावर प्लांट फरवरी माह के अंत तक लोकार्पण के लिये तैयार हो जायेगा।

खेल

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 100 दिवसीय कार्य-योजना में विभाग के उपलब्ध संसाधनों का अधिकतम उपयोग हो। मरम्मत के अति आवश्यक कार्य पूरे किये जायें। प्रतिभावान खिलाड़ियों के चिन्हांकन का कार्य जिला और ब्लॉक स्तर पर भी संचालित हो।

रोजगार

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि रोजगार सृजन के नये क्षेत्र तलाश किये जायें। उन्होंने कहा कि उद्योगों के साथ ही सेवा क्षेत्र में भी रोजगार की संभावनाओं को विस्तारित किया जाए।

उद्योग

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नवीन औद्योगिक क्षेत्रों में भूमि चिन्हांकन कार्य 100 दिवस कार्ययोजना में शामिल किया जायें। उन्होंने कहा कि सिंगल विन्डों व्यवस्था को और अधिक प्रभावी और देश-दुनिया में सबसे बेहतर बनाया जाय। उन्होंने मुख्यमंत्री स्व-रोजगार योजना के क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिये।

बैठक में मंत्री श्रीमती यशोधरा राजे सिंधिया ने 100 दिवस की कार्ययोजना प्रस्तुत की। उन्होंने औद्योगिक परियोजनाओं के त्वरित क्लीयरेंस के लिये संबंधित विभागों में प्रकोष्ठ का गठन करने का सुझाव दिया। उन्होंने ग्वालियर मेला प्राधिकरण को प्रगति मैदान नई दिल्ली के मॉडल में विकसित करने की जरूरत भी बतलाई। उन्होंने बताया कि 5 हजार से अधिक श्रद्धालु वाले मेलों को चिन्हित करने और धर्मस्व विभाग की संपत्ति का डाटा अद्यतन करने की कार्रवाई की जाएगी।