विश्व आदिवासी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया…!

[highlight color=”black”]अम्बिकापुर[/highlight][highlight color=”red”] उदयपुर से क्रान्ति रावत [/highlight]

ब्लाॅक मुख्यालय उदयपुर में 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नये बस स्टैण्ड परिसर उदयपुर में सर्व आदिवासी समाज के तत्वाधान में आयोजित इस कार्यक्रम मेें आदिवासी समाज के छात्र/छात्राओं , ग्रामीण महिला पुरूष, कर्मचारी अधिकारी समेत सभी वर्ग के लोगों ने उत्साह से भाग लिया। प्रकृति के प्रतीक छायाचित्र के पूजन के साथ कार्यक्रम का आरम्भ हुआ। समाज के वरिष्ठ नागरिक सुखराम पैकरा की अध्यक्षता में आयोजित इस कार्यक्रम को विभिन्न वक्ताओं ने सम्बोधित किया। मुख्य कार्यपालन अधिकारी नान साय मिंज ने कहा कि समाज की प्रगति के लिए नशा के प्रचलन पर रोक लगाना पड़ेगा। यह हमारे लिए जागने का समय है, अपने अधिकारों को जानने का समय है। उन्होंने ग्राम सभा के अधिकार और पेसा कानून के बारेे में विस्तार से बताया । तहसीलदार बी. कुजूर ने आदिवासी समाज के लोगों को जाति प्रमाण पत्र बनवाने में आने वाली परेशानियों से बचने के लिए विभिन्न प्रावधानों के बारे में सरल शब्दों में बताया। टी.आई. ईमानुएल लकड़ा ने कहा कि हम आदिवासी समाज में पैदा हुये हैं यह हमारे लिये गर्व का विषय है। हम सबसे पहले आदिवासी हैं नाम, परिवार, जाति, आदि इसके बाद ही आते हैं।

पशु चिकित्सक डाॅ. संतोष कंवर ने कहा कि आदिवासी समाज के लोग दुनिया के हर कोने में निवास करते हैं। उनके विकास के लिए अस्त्र शस्त्र के स्थान पर अब शिक्षा ही सबसे सशक्त हथियार है। ललन सिंह ने 09 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस क्यों मनाया जाता है इसके बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के द्वारा सन् 1982 में एक कार्य दल का गठन किया गया जिसकी पहली बैठक 09 अगस्त 1982 को हुई थी। आदिवासी समाज अपनी उपेक्षा, गरीबी, शिक्षा एवं स्वास्थ्य सुविधाओं का आभाव बेरोजगारी, बंधुआ एवं बाल मजूदरी आदि समस्याओं से ग्रस्त है। अतः 1993 में कार्य दल के 11वें अधिवेशन में 09 अगस्त को ब्राजील के रियों डी जेनेरियों में विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया गया। आदिवासीयों को अधिकार दिलाने, उनकी समस्याओं का निराकरण करने, भाषा संस्कृति और इतिहास का संरक्षण करने अदि विभिन्न विषयों पर पहल करने के लिए ही इस दिवस को विश्व आदिवासी दिवस घोषित किया गया। विश्व राष्ट्र समूह ने ‘‘ आपके साथ हैं, यह वह वचन आदिवासीयों को दिया ‘‘ ।

सोनतराई सरपंच नवल सिंह ने कहा कि उदयपुर जनपद अंतर्गत विभिन्न विभागों के उच्च पदों पर आदिवासी समाज के लोग आसीन हैं। हम आशा करते हैं कि हमारे समाज से संबंधित जायज मांगों को एवं समस्याओं के निराकरण के लिए अधिकारीयों का सहयोग अवश्य प्राप्त होगा। शिक्षक जायसवाल सोरी ने कहा कि विश्व आदिवासी दिवस मनाने की इस परम्परा की जो शुरूआत हुई है इसे हमें आगे तक ले जाना होगा। और भविष्य में वृहद स्तर पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जायेगा। उपस्थित अतिथियों का आभार प्रदर्शन पूर्व जनपद सदस्य मनबोध सिंह मरकाम के द्वारा किया गया। इस अवसर पर दावा सरपंच रामजीत सिंह आरमोर, सलबा सरपंच गनेश्वर सिंह टेकाम, उदयपुर के भूतपूर्व सरपंच भवंर सिंह, झिरमिटी के पूर्व सरपंच जीतम सिंह, हरि प्रसाद वरकड़े, समेत आदिवासी समाज के सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।