बिलासपुर। साइबर ठगी के बढ़ते मामलों के बीच बिलासपुर पुलिस को बड़ी सफलता हाथ लगी है। मनी लॉन्ड्रिंग के झूठे आरोप और डिजिटल अरेस्ट का खौफ दिखाकर लाखों की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय गिरोह के एक सदस्य को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। आरोपी ने खुद को केंद्रीय एजेंसी का अधिकारी बताकर सिविल लाइन थाना क्षेत्र के एक नागरिक से करीब 57 लाख रुपये ऐंठ लिए थे।
पीड़ित को वर्चुअल नंबर और व्हाट्सएप कॉल के जरिए संपर्क कर आरोपी ने डराने-धमकाने की रणनीति अपनाई। मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसाने और डिजिटल अरेस्ट की चेतावनी देकर उसने लगातार मानसिक दबाव बनाया, जिससे घबराकर पीड़ित ने अलग-अलग किस्तों में बड़ी रकम ट्रांसफर कर दी। ठगी का अहसास होने पर पीड़ित ने सिविल लाइन थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद मामला रेंज साइबर पुलिस के हवाले किया गया।
तकनीकी जांच और डिजिटल ट्रेल खंगालने पर पुलिस ने आरोपी की पहचान उत्तर प्रदेश के शिकारपुर, बुलंदशहर निवासी मनिंदर सिंह के रूप में की। लोकेशन ट्रेस होने के बाद साइबर टीम ने दिल्ली में दबिश देकर उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में सामने आया कि आरोपी एक संगठित अंतर्राज्यीय गिरोह का हिस्सा है, जो फर्जी सिम कार्ड, वर्चुअल मोबाइल नंबर और नकली बैंक खातों के जरिए लोगों को जाल में फंसाता था। ठगी से जुटाई गई रकम को वह लेगेसी लोन और सोशल मीडिया एप के माध्यम से लोन के रूप में घुमा-फिराकर निकालता था।
फिलहाल पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता और आईटी एक्ट की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है। गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों और ठगी के नेटवर्क की तलाश जारी है। पुलिस ने लोगों से अपील की है कि किसी भी अनजान कॉल, व्हाट्सएप संदेश या डिजिटल अरेस्ट जैसी धमकियों से घबराने के बजाय तुरंत पुलिस या साइबर हेल्पलाइन से संपर्क करें।
