जांजगीर-चांपा। जांजगीर चांपा सांसद कमलेश जांगड़े का जनदर्शन कार्यालय लोकसभा मुख्यालय जांजगीर चांपा में नहीं होने से आम जनता को अपनी समस्या बताने में परेशानीयो का सामना करना पड़ रहा है. 1 वर्ष बीत जाने के बाद भी कमलेश जांगड़े अपना जनदर्शन कार्यालय लोकसभा मुख्यालय में नहीं खोल पाई है। लोकसभा मुख्यालय में कार्यालय नहीं होने से जनता को उनका गृह ग्राम निवास 60 किमी दूर जाना पड़ता है। लेकिन वहां पर भी सही सूचना नहीं मिलने से नहीं मिलती. जिसके कारण जनता का समय एवं पैसा दोनों बर्बाद होता हैं। जांजगीर चांपा लोकसभा मुख्यालय में जनदर्शन कार्यालय नहीं होने से जनता की समस्याएं बढ़ने लगी हैं।
जनता अपने सांसद से नाराज है. इसकी शिकायत अब प्रधानमंत्री कार्यालय में करेंगे. लगातार जनता से दूरी सांसद कमलेश जांगड़े की बढ़ती जा रही है. उन्हें जनता की समस्याओं से कोई सरोकार नहीं है। इसलिए वे जनता की समस्याओं को सामना करने से डरती है। जिसके कारण अपना जनदर्शन कार्यालय लोकसभा मुख्यालय जांजगीर में खोलना ठीक नहीं समझती।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे की बदौलत जीत कर सांसद बनी कमलेश जांगड़े यह भूल गई है कि वह पूर्व में एक साधारण कार्यकर्ता ही थी. आज जनता के ही भरोसे वे संसद तक पहुंची है। लेकिन कुर्सी पाने के बाद वह जनता को भूलने लगी है। सिर्फ शासकीय एवं निजी कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति देखी गई है. लेकिन जनता के समस्याओं को सुनते एवं महसूस करते उनके पास समय नहीं है। आम जनता की समस्याओं को दूर करने की बात तो छोड़ दीजिए। यहां तक उनको अभी तक जिला के समस्याओं के बारे में भी ठीक से जानकारी भी नहीं है। सिर्फ बैठको शासकीय, आयोजनों एवं निजी कार्यक्रमों में उनकी उपस्थिति देखी जाती है। लेकिन कभी जनता की समस्याओं को जिला मुख्यालय में सुनते अभी तक उनको नहीं देखा गया है। अब आने वाले समय में जनता इसका हिसाब जरूर लगी।और इसकी शिकायत पीएमओ तक करेगी।
सांसद कमलेश जांगड़े के गृह निवास सक्ती जिले हैं जिसके कारण ज्यादा समय वे वही देती हैं। शायद अब वे सोच रही होगी कि 5 साल तक उन्हें उनकी कुर्सी से नहीं हिला सकती, इसलिए अपनी मनमर्जी से चला रही हैं। 5 साल बाद उन्हें पता की फिर यह कुर्सी दुबारा नहीं मिलने वाली हैं। जैसे पूर्व सांसदों का हुआ है। आज उन्हें कोई नहीं पूछ रहा, न ही जनता उन्हें पूछ रही है, नहीं पार्टी उन्हें भाव दे रही है। उनका हाल न घर का घाट का जैसे हो गया है। वे अब किसी भी सार्वजनिक जगहों जैसे बाजार,पान दुकान,होटलों में आसानी से दिख जाते है।
