
बलरामपुर..25 सितंबर को मेडिकल संचालक की लापरवाही से हुई 7 वर्षीय अनमोल एक्का के मौत के मामले में पुलिस ने मर्ग कायम किया है..और मृतक की मां सुशीला एक्का ने मेडिकल संचालक के विरुद्ध बलरामपुर कोतवाली में लिखित शिकायत दी है..इधर पुलिस इस मामले की जांच में जुटी हुई है..और कयाश लगाए जा रहे है..की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आने के बाद पुलिस मेडिकल संचालक शंभू विश्वकर्मा के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कर सकती है!.
दरअसल घुटने में हुए घाव का इलाज कराने अनमोल की मां अनमोल को लेकर 24 सितंबर की शाम बलरामपुर के मेन रोड में संचालित शंभू मेडिकल गई हुई थी..जहां मेडिकल संचालक ने अनमोल को इंजेक्शन लगाया था..जिसके बाद अनमोल बेहोश हो गया था..उसे बेहोशी की हालत में मेडिकल संचालक जिला अस्पताल लेकर गया था.. जहां से प्रायमरी ट्रीटमेंट के बाद डाक्टरों ने अनमोल को अंबिकापुर रिफर किया था..और अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज में अनमोल की मौत हो गई थी!..
इधर मेडिकल संचालक की लापरवाही का मामला उजागर होते ही प्रशासन हरकत में आया था..कलेक्टर राजेंद्र कटारा के निर्देश पर शंभू मेडिकल को तहसीलदार और बीएमओ बलरामपुर ने सील करने की कार्यवाही की थी..
बता दे कि मेडिकल संचालक पर पहले भी कार्यवाही हुई थी..उस दौर में मेडिकल संचालक शंभू विश्वकर्मा निजी क्लिनिक का संचालन करता था..और कार्यवाही के बाद उसने केमिस्ट का लाइसेंस लेकर मेडिकल शॉप खोली थी..लेकिन दवाई बेचने के साथ -साथ वह ट्रिटमेंट में करता था..अब सवाल यह है कि बीएमओ के दफ्तर से महज 200 मीटर की दूरी पर मेन रोड में नियम विरुद्ध कैसे कोई मेडिकल संचालक लोगो की जान को जोखिम में डालकर ट्रिटमेंट करता रहा..और इसकी भनक स्वास्थ्य प्रशासन को नहीं लगी!.अगर समय रहते इन सब चीजों को ध्यान में रखा जाता तो शायद अनमोल आज हमारे बीच होता..
वही अब जांच का विषय तो यह भी है कि मेडिकल संचालक शंभु ने जो इंजेक्शन अनमोल को लगाया क्या उसके ओवर डोज होने से उसकी जान जा सकती है..क्या 7 वर्षीय बालक को हैवी डोज इंजेक्शन लगाया जाना डबल्यूएचओ के गाइड लाइन के अनुरूप है..बहरहाल पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार कर रही है..जिसके बाद मामले में एफआईआर दर्ज कर सकती है..इस मामले का एक पहलू यह भी है..की क्या आदिवासी बाहुल्य इस क्षेत्र में लोग सरकारी अस्पताल ना जाकर झोलाछाप डॉक्टरों के पास जाकर नीम हकीम खतरे जान की तर्ज पर अपनी और अपनो की जान के दुश्मन खुद क्यों बन बैठते है!.