
बलरामपुर..जिले के वाड्रफनगर जनपद पंचायत सीईओ के हौसले इतने बुलंद हो चले है..की वे अपने वरिष्ठ अधिकारियों से प्राप्त दिशा निर्देशों का तक पालन नहीं कर रहे है..ऐसा इसलिए क्योंकि कलेक्टर के अनुमोदन के साथ 14 अगस्त को एक पंचायत के सरपंच,सचिव,रोजगार सहायक और दो आवास मित्रो के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराते हुए शासकीय राशि की वसूली के आदेश दिये गये थे..लेकिन एक माह बीत जाने के बाद भी सीईओ साहब ने इस कार्यालयीन पत्र को शायद फुर्सत से नही देखा होगा..और यही वजह है..की जांच के बाद दोषियों पर अबतक कार्यवाही ही नही हुई है!.
जिले में एक ओर प्रधानमंत्री आवास की प्रगति की समीक्षा सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार कलेक्टर और जिला पंचायत सीईओ समय -सीमा के बैठकों में करते है..प्रदेश सरकार के भी स्पष्ट निर्देश है ..की प्रधानमंत्री आवास में किसी प्रकार की गड़बड़ी बर्दाश्त नही की जाएगी..लेकिन वाड्रफनगर जनपद पंचायत में तो पूरा मामला ही उल्टा है..गड़बड़ी की शिकायत हुई,जांच भी की गई..और दोषियों पर जिम्मेदारी भी तय कर ली गई..लेकिन कार्यवाही नील बटे सन्नाटा है!.
जनपद पंचायत वाड्रफनगर का ग्राम पंचायत है सरना..जहां जून 2025 में प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी की शिकायते हुई थी..शिकायतों की जांच भी तत्परता से जिला पंचायत सीईओ ने करवाई..जांच में सरपंच हीरामनी सिंह,पंचायत सचिव आनंद गुप्ता ग्राम सभा में प्रस्ताव बनाकर योजना के अपात्र लोगो को पात्र बनाने के दोषी पाये गये..रोजगार सहायक गोवर्धन सिंह का वारिस दर्शा कर विकास सिंह को योजना का लाभ दिया गया..वही एमआईएस के आधार पर संदेहास्पद हितग्राहियों को योजना की किस्त राशि जारी की गई..इस मामले में आवास मित्र देवंती जायसवाल पति योगेश जायसवाल को पाया गया..जबकि दूसरे आवास मित्र अनुराग काशी पर अपने परिवार के सदस्यों को योजना का अवैधानिक तरीके से लाभ पहुंचाने का दोषी पाया गया..और जांच प्रतिवेदन जिला पंचायत को भेजा गया था..
इधर जिम्मेदारी तय होते ही कलेक्टर के अनुमोदन से एक नोटशीट चली जिसमें आवास मित्रो देवंती जायसवाल,अनुराग काशी को पद से पृथक करने, सरपंच हीरामनी सिंह, सचिव आनंद गुप्ता, रोजगार सहायक गोवर्धन सिंह से प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत फर्जी तरीके से प्राप्त किये गए किश्तों की राशि की रिकवरी करते हुए एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश जनपद सीईओ को दिये गये थे..लेकिन सरकारी आदेश सरकारी फाइलों में ही धूल खा रही है!.
बहरहाल प्रदेश सरकार के सख्ती के बाद स्थानीय प्रशासन के आलाधिकारी सजग है..की प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी ना हो..लेकिन जमीनी स्तर के अधिकारियों को थोड़ा भी डर या भय नही है..और यही वजह है कि एक महीना गुजर गया..और कार्यवाही के नाम पर कुछ भी नही..ऐसे में विष्णु के सुशासन का राग अलापने वाली सरकार कैसे प्रधानमंत्री मोदी के गारंटी को पूरा कर सकेगी!.
