
बलरामपुर..(कृष्णमोहन कुमार)….जिला मुख्यालय में सरकारी दफ्तर में अपने ही विभाग के अधिकारी को उन्हीं के मुलाजिमों द्वारा बंधक बनाए जाने का मामला सामने आया है..वही अधिकारी ने अपने दो कर्मचारियों पर हाथापाई करने का भी आरोप लगाया है..इधर इस समूचे घटनाक्रम की सूचना आलाधिकारियों को दी गई है..बावजूद इसके आलाधिकारी अनभिज्ञता जाहिर करते नजर आ रहे है!.
दरअसल रोज की तरह ही आज भी मुख्यालय के आबकारी कंट्रोल रूम में कार्यालयीन दिनचर्या की शुरुआत हुई..इस बीच आबकारी उप निरीक्षक नीरज साहू से दो मुख्य आरक्षक गिरजा शंकर शुक्ला और धर्मजीत राम शर्मा में विवाद हो गया..विवाद इतना बढ़ा की दोनों मुख्य आरक्षकों ने उपनिरीक्षक से हाथापाई की..और उन्हें कंट्रोल रूम में ही बंधक बना लिया..इधर उपनिरीक्षक साहू ने बलरामपुर कोतवाली से संपर्क किया..जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच उपनिरीक्षक को कंट्रोल रूम से बाहर निकाला..
आबकारी उपनिरीक्षक नीरज साहू के मुताबिक दोनों मुख्य आरक्षकों से 5 जुलाई 2025 को अनुपस्थित रहने पर कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था..जिसको लेकर मुख्य आरक्षकों और उपनिरीक्षक में बहस हुई.. कर्मचारियों का मन इतने से नही भरा तो अधिकारी को आबकारी कंट्रोल रूम में बंद तक कर दिया गया था..
वही आबकारी उपनिरीक्षक ने इस मामले की शिकायत जिला आबकारी अधिकारी सत्यनारायण साहू से की..लेकिन जिला आबकारी अधिकारी ने इस समूचे घटनाक्रम से अनभिज्ञता जाहिर करते हुए कहा..की ऐसी कोई बात नहीं है!..
अधिकारी को दफ्तर में कर्मचारियों द्वारा बंधक बनाए जाने का जिले में यह पहला मामला है..और इस मामले की जांच भी की जानी चाहिए..की आखिर ऐसा क्यों हुआ?.और पता लगाना चाहिए की कर्मचारियों के हौसले की उड़ान कहां से भरी गई..लेकिन इन सबसे परे जिम्मेदार अधिकारी का गैर जिम्मेदाराना बयान की ऐसा कुछ भी नही..फिर उनसे जांच और कार्यवाही की उम्मीद नाइंसाफी ही है..बहरहाल इस घटनाक्रम की जानकारी जिले के उच्च अधिकारियों को लेकर हस्तक्षेप करनी चाहिए और कठोर कदम उठाए जाने चाहिए ताकि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति ना हो सके!.
