
जांजगीर चांपा। नगर पालिका के वार्ड 25 के पार्षद देव कुमार गढ़वाल ने पूर्व नपा अध्यक्ष भगवान दास गढ़वाल पर गंभीर आरोप लगाया है.पुलिस अधीक्षक जांजगीर चांपा को दिए लिखित शिकायत में कहा है कि भगवान दास गढेवाल नगर पालिका परिषद जांजगीर के सन् 2019 से 2024 में अध्यक्ष के पद पर रहते हुये कार्यरत था उसकी अच्छी प्रतिष्ठा एवं शाख थी और वह अपने ढंग से नगर पालिका परिषद में अच्छे कार्य कर रहे था फिर भी नगर पालिका परिषद जांजगीर के उसके विरोधी पार्षदो द्वारा उसके विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव रखा गया था मैं नगर पालिका परिषद जांजगीर मे पार्षद था भगवान दास के द्वारा मुझको कहा गया की उसके विरुद्ध संचालित अविश्वास प्रस्ताव को विफल करने के लिये उसको 9,00,000/- रुपयो की आवश्यकता है मैं कही से भी रुपयो की व्यवस्था करके उसको दू, मैं उसकी आवश्यकता एवं उसके द्वारा रुपयों के लिये मेरे समक्ष गिडगिडाये जाने से द्रवित होकर उसको उसकी जरुरत में 9,00,000/-रुपयो की व्यवस्था अपने पास रखे एवं अपने रिश्तेदार एवं मित्रों से मांग कर किया और दिनांक 29.01.2024 को मैने 9,00,000/- रुपये नकद उधारी मे उसको दिया, और उसने मेरे को उक्त राशि को दो माह में वापस कर देने का आश्वासन दिया था। मैने उसके उपर सद्भाविक विश्वास करते हुये उसके द्वारा दो माह में रकम अदा कर देने की बात को मान लिया था।
आगे उन्होंने बताया कि दो माह का समय ब्यतित होने के बाद अनेको बार कथित उधार ली गयी रकम की मांग फोन द्वारा एवं प्रत्यक्ष रूप से मैने भगवानदास से किया तब उसने दिनांक 21.05.2026 को मुझे मेरे निवास स्थान में आकर अपने बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा जांजगीर का 9,00,000/- (नौ लाख रूपये) का चेक क्र. 014890 प्रदान किया और मुझे आश्वासन दिया कि उसके एकाउंट में 9,00,000/- (नौ लाख रूपये) मौजूद है, मैं उसके द्वारा प्रदत्त कथित चेक को अपने बैंक एकाउंट में पेश कर राशि आहरण करा सकता हूं।
मैने उसके द्वारा प्रदता कथित चेक को अपने ऐक्सीस बैंक चांपा में राशि आहरण हेतु प्रस्तुत किया तब बैंक के द्वारा मुझे जानकारी दी गयी की चेक में शब्दो में जो लिखा गया है वह गलत है एवं फिगर में ओवर राइटिंग किया गया है इस कारण से दिनांक 08.08.2025 को बैंक द्वारा उसके द्वारा प्रदत्त कथित चेक को मुझको Alteration In Date/ Figrures/Words Require Drawer’s Signature टीप के साथ मुझे वापस कर दिया मैं उससे लगातार संपर्क करने का प्रयास किया परंतु वह मुझसे नहीं मिला तब मैं समझ गया की भगवानदास पूर्व मंशा से चेक में गलत शब्द एवं अंकों में ओवर राइटिंग कर जानबूझकर रकम न देने के मकसद से मेरे साथ छल किया है उसके द्वारा कारित कृत्य के लिये मैने अपने अधिवक्ता राजेश पाण्डेय से नोटिस रकम अदा करने बाबत भेजवाया नोटिस उसे प्राप्त हुई तब वह मेरे अधिवक्ता से मिला।
देव गढ़वाल ने लिखित आवेदन में बताया है मेरे अधिवक्ता से मिलने के बाद भगवानदास ने मेरे अधिवक्ता को कहा की उससे गलती हो गयी है वह देव कुमार गढ़वाल से राजिनामा करना चाहता है कुछ दिन का समय राजिनामा हेतु उसे दिया जावे तब मेरे अधिवक्ता ने कहा कि आपके पास एक सप्ताह का समय है आप इस बीच मे राजिनामा देव कुमार गढ़वाल से कर सकते हैं।
भगवान दास गढेवाल द्वारा मेरी 9,00,000/- (नौ लाख रुपये) कीमती रकम को देने से बचने के लिये अपने विवादित चेक जिसका नोटिस मेरे अधिवक्ता ने उसे दिया था को सन् 2021 में उसके दराज से चोरी कर ले जाने की रिपोर्ट किये जाने की पावती बताते हुये थाना मे मेरे विरुद्ध फर्जी रिपोर्ट कर दिया गया। मेरे अधिवक्ता द्वारा प्रेषित नोटिस प्राप्त करने के बाद भगवानदास द्वारा फर्जी ढंग से पिछले तारिख का उल्लेख करते हुये कुट रचना करते हुये छल पूर्वक सन् 2021 में थाने पर रिपोर्ट करना बताया गया है और थाने के किसी कर्मचारी को प्रभाव मे लेकर थाने का सील लगवाकर बेक डेट में रिसीप्ट होना बताया गया है रिसीप्ट में सील मुहर एवं दस्तखत वर्तमान का है जो कि स्याही के आयु परीक्षण से स्पष्ट रुप से सिद्ध हो जावेगा मुझे चोरी मे फसाने के लिये भगवानदास द्वारा झुठा कपट पूर्वक दस्तावेज तैयार कराया गया है उक्त दस्तावेज सही होता तो सन् 2021 में पुलिस रोजनामचा में उक्त आवेदन को अवश्य लिखता तथा भगवानदास अपने बैंक मे चेक चोरी सूचना जरुर देता और बैंक द्वारा मैने जो चेक प्रस्तुत किया है उसमें उक्त चेक को चोरी का चेक होना उल्लिखित होना अनादरण बैंक द्वारा किया जाता भगवानदास द्वारा फर्जी, झूठा, कपट पूर्वक दस्तावेज बनाते हुये रकम देने से बचने के लिये कथित दस्तावेज तैयार किया गया है।
उन्होंने पुलिस अधीक्षक से लिखित ने आवेदन देकर कहा है कि भगवानदास का कृत्य आपाधिक है जिसके विरुद्ध कार्यवाही किये जाने लायक है वह अपने पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष होने के प्रभाव का इस्तेमाल करते हुये कुट रचित दस्तावेज तैयार किया है, जिसकी निष्पक्ष जांच करते हुये भगवानदास के विरुद्ध कठोर कार्यवाही की जावे जिससे की फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले व्यक्तियो को सबक मिल सकें।