
अम्बिकापुर। राजीव गांधी पी.जी. कॉलेज में सोमवार को एक अनोखा और प्रभावशाली विरोध देखने को मिला, जब आज़ाद सेवा संघ और छात्रों ने महाविद्यालय प्रशासन की लापरवाही के खिलाफ मटका प्रदर्शन कर पूरे परिसर को आंदोलित कर दिया। महाविद्यालय प्रांगण में चार प्रतीकात्मक मटकों के माध्यम से छात्रों ने कॉलेज की जमीनी सच्चाई को उजागर किया।
चारों मटकों में से एक में गंदा पानी, एक में साफ पानी, एक रिक्त और एक सामान्य मटका रखकर यह बताया गया कि कॉलेज की स्थिति इन दिनों इन्हीं की तरह अस्त-व्यस्त, अव्यवस्थित और उपेक्षित हो गई है।
इन बिंदुओं पर जताया गया विरोध –
1. शुद्ध पेयजल का संकट
कॉलेज में लगे सभी आरओ सिस्टम लंबे समय से खराब पड़े हैं। हाल ही में एक आरओ से मरी हुई छिपकली निकलने की घटना ने व्यवस्था की पोल खोल दी। गर्मी के इस मौसम में छात्रों को पीने का साफ पानी तक नसीब नहीं हो रहा। कई आरओ में काई और गंदगी जमा है, जिससे स्वास्थ्य पर भी खतरा मंडरा रहा है।
2. कक्षाओं की गंदगी और शिक्षण में अनियमितता
कॉलेज की अधिकतर कक्षाएं साफ-सफाई से कोसों दूर हैं। गंदगी से भरे माहौल में छात्र मजबूरी में पढ़ाई कर रहे हैं। इसके साथ ही कक्षाएं नियमित रूप से संचालित नहीं हो रही हैं, जिससे शैक्षणिक गुणवत्ता पर सीधा असर पड़ रहा है।
3. तकनीकी दिक्कतें और आर्थिक गड़बड़ी
कॉलेज की वेबसाइट और सर्वर बार-बार ठप पड़ते हैं। नतीजतन, छात्रों को ऑनलाइन फीस भरने और परिणाम देखने में लगातार परेशानी होती है। सबसे गंभीर मामला तब सामने आया जब 6 मई 2025 को एटीकेटी फॉर्म भरते समय छात्रों से ₹900 के स्थान पर ₹1100 वसूले गए। यह वित्तीय अनियमितता छात्रों में गहरे असंतोष का कारण बनी है।
प्राचार्य को दी अंतिम चेतावनी
आज़ाद सेवा संघ के प्रदेश सचिव रचित मिश्रा और छात्र मोर्चा जिला अध्यक्ष प्रतीक गुप्ता ने प्राचार्य को एक महीने की मोहलत देते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा कि यदि सभी समस्याओं का समाधान तय समय में नहीं हुआ, तो उग्र आंदोलन छेड़ा जाएगा और प्राचार्य के इस्तीफे की मांग की जाएगी।
संघ ने रखी यह मांग
छात्रों और संघ ने अपील की कि प्रशासन तत्काल प्रभाव से समस्याओं पर संज्ञान ले और एक सकारात्मक पहल करे, जिससे कॉलेज परिसर को फिर से स्वस्थ, स्वच्छ और अध्ययन-उपयुक्त वातावरण मिल सके।