
जांजगीर चांपा। सक्ति राजा एवं कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ मंत्री राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह का आज दोपहर 2:00 बजे निधन हो गया. वे लंबे समय से अस्वस्थ चल रहे थे. निधन से सक्ति जिले के अलावा पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है. 83 वर्ष की उम्र में अपने परिवार को छोड़ कर चले गए. कल बुधवार को सक्ति के राज परिवार के मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार होगा पूरे राजकीय सम्मान के साथ राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह का अंतिम यात्रा निकलेगी। राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह एक दत्तक पुत्र धर्मेंद्र है। उनके निधन से जिले के अलावा पूरे क्षेत्र के लोगों में गम का माहौल है.उन्हें श्रद्धांजलि एवं शोक संवेदना देने लोग महल पहुंच रहे हैं।
क्या है राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह का इतिहास…
1865 में 14 रियासतों का गठन हुआ था। उस समय सक्ती छोटी रियासत थी। उस समय बड़ी रियासत बस्तर थी। सक्ती रियासत के सबसे पहले राजा हरि गुजर हुए। इनके पुत्र रूपनारायण सिंह ने गद्दी 1914 में निधन होते तक सम्हाली। राजा रुपनारायण की एकमात्र बेटी थी। कोई बेटा नहीं था। उनकी बेटी की शादी रायगढ़ के राजा नटवर सिंह के साथ हुई थी। उन्होंने छोटे भाई चित्रभान के बेटे लीलाधर सिंह को गोद लिया था। 1914 में ही राजा लीलाधर राजा बन गए थे। जिवेंद्र बहादुर सिंह का अल्पायु में ही निधन हो जाने के कारण 18 वर्ष की उम्र में 1960 में सुरेंद्र बहादुर सिंह राजा बने। उनके छोटे भाई कुमार पुष्पेंद्र बहादुर सिंह का कुछ वर्ष पूर्व निधन हो गया था. आज 83 साल की उम्र में राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह अंतिम सांस ली।
सुरेंद्र बहादुर रह चुके हैं पूर्व मंत्री…..
राजा सुरेंद्र बहादुर सिंह सक्ती रियासत के राजा हैं। वो अभिवाजित मध्यप्रदेश में 2 बार मंत्री रह चुके हैं पूर्व में अविभाजित मध्य प्रदेश में 4 बार विधायक भी रहे। कुछ साल पहले उन्होंने कांग्रेस छोड़ दी थी और 2013 के विधानसभा चुनाव में सुरेंद्र बहादुर ने गोंडवाना गणतंत्र पार्टी की टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ा था। हालांकि वो चुनाव हार गए थे। इसके बाद 2018 विधानसभा चुनाव के पहले सुरेंद्र फिर से कांग्रेस में लौट आए थे।
इस वजह से सुर्खियों में थे…
कुछ समय पहले राजा सुरेंद्र बहादुर ने अपने दत्तक पुत्र धर्मेंद्र सिंह को अपना उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा की थी। घोषणा के बाद बकायदा धर्मेंद्र सिंह का राज्याभिषेक भी होना था। उसी दौरान राजा की पत्नी गीता राणा सिंह ने धर्मेंद्र सिंह को बेटा मानने से इनकार कर दिया था। साथ ही राज्याभिषेक पर आपत्ति दर्ज कराई थी। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में याचिका भी दायर की है। हालांकि धर्मेंद्र सिंह का राज्याभिषेक हो गया था। इसके बाद से ही राजा सुरेंद्रबहादुर और उनकी पत्नी गीता राणा का विवाद जारी है।