Krishi Vigyan Kendra Mainpat: अम्बिकापुर, छत्तीसगढ़। सरगुजा जिले में कृषि विज्ञान केंद्र मैनपाट में ग्रामीण युवाओं को तिलहन फसलों के विकास पर आयोजित सात दिवसीय कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न हुआ। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गिरीश चंदेल एवं निदेशक विस्तार सेवाएं डॉ एसएस टुटेजा के दिशा-निर्देश एवं कृषि विज्ञान केंद्र सीतापुर मैनपाट के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ संदीप शर्मा के कुशल नेतृत्व में सात दिवसीय कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया था।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में युवाओं को तिलहन मक्का एवं ऑयल पाम के विकास पर प्रशिक्षित किया गया। सात दिनों तक चले कौशल प्रशिक्षण के समापन अवसर पर कृषि वैज्ञानिक डॉ दीप्ति झा, निदेशक विस्तार सेवाएं ने वर्चुअल के माध्यम से प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि किसानों को खाद्य तेल उत्पादन में आत्मनिर्भर होने की जरूरत है। इसके लिए किसानों को तेल वाली फसल उगाने पर जोर देना चाहिए।
इसके साथ ही उत्पादित फसलों से तेल निकालकर उसे अपने खान पान मे उपयोग करना चाहिए। वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं संस्था प्रमुख डॉ संदीप शर्मा ने कहा कि राइस फेलो जमीन पर रबी फसल में तेल वाली फसल उगानी चाहिए। इसे उगाने के लिए अपनाएं जाने वाली विधि के बारे में किसानों को विस्तार से बताया। इसके साथ ही मक्का एवं मीठा मक्का की खेती करते हुए अधिक आय प्राप्त करने की बात कही।
प्रशिक्षण प्रभारी प्रदीप लकड़ा ने ऑयल पाम के बारे में किसानों को विस्तार से जानकारी प्रदान की। प्रक्षेत्र प्रबंधक डॉ सूरज चांद पंकज ने सरसो की खेती के बारे में विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम सहायक डॉ शमशेर आलम ने तिलहन फसल एवं मक्के की फसल में लगने वाले कीट रोग के समाधान के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में सभी प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण पत्र वितरित किया गया। इस अवसर पर नितिन शाक्य, संतोष साहू समेत अन्य कर्मचारी एवं प्रशिक्षणार्थी उपस्थित थे।
(सीतापुर से अनिल उपाध्याय की रिपोर्ट)