IAS Success Story: कहते हैं कि कठिनाइयाँ या तो किसी को तोड़ देती हैं या उसे मजबूत बना देती हैं। बिहार के मुजफ्फरपुर के विशाल कुमार की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। बचपन में पिता का साया उठने के बाद उनकी मां ने मुश्किलों का सामना कर बेटे को पढ़ाने का संकल्प लिया। विशाल ने अपनी मां की मेहनत को सार्थक कर दिखाया और IAS बनकर उनका सपना साकार किया।
बचपन से ही संघर्षों से जूझे
पिता के असमय निधन के बाद विशाल की मां ने परिवार की बागडोर संभाली। घर चलाने के लिए उन्होंने दिन-रात मेहनत की, ताकि उनका बेटा पढ़ाई में कोई कमी न महसूस करे। विशाल भी कम उम्र से ही समझ गए थे कि उन्हें अपने परिवार की आर्थिक हालत सुधारनी है। अपनी मेहनत और लगन से विशाल ने इंटरमीडिएट की परीक्षा में जिला टॉप किया।
आईआईटी से मिली दिशा
इंटरमीडिएट के बाद विशाल ने आईआईटी की तैयारी की और पटना के सुपर 30 कोचिंग संस्थान से पढ़ाई की। उनकी मेहनत रंग लाई और जेईई परीक्षा में सफलता प्राप्त कर उन्होंने आईआईटी कानपुर में दाखिला लिया। पढ़ाई के बाद आईआईटी से मिली नौकरी ने उनके घर की आर्थिक स्थिति में राहत दी।
UPSC की ओर बढ़ाया कदम
हालांकि आईआईटी से नौकरी मिलने के बाद भी विशाल का मन संतुष्ट नहीं था। उन्हें कुछ बड़ा करना था, इसलिए उन्होंने यूपीएससी की तैयारी का निर्णय लिया। 2020 में पहले प्रयास में प्रीलिम्स क्लियर करने के बाद मेंस में असफलता ने उन्हें झटका दिया। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अगली बार दुगुने जोश के साथ तैयारी में जुट गए।
दूसरी कोशिश में मिली कामयाबी
2021 में विशाल ने फिर से यूपीएससी परीक्षा दी और इस बार 484वीं रैंक हासिल कर आईएएस बनने का सपना साकार किया। उनकी इस उपलब्धि ने उनकी मां के संघर्ष और उनकी मेहनत को एक नई ऊंचाई दी।