Telegram Ban, India Telegram, IT Ministry, Telegram CEO, Telegram Ban in India : दुनिया के सबसे लोकप्रिय मैसेजिंग ऐप्स टेलीग्राम इन दिनों कठिन परिस्थितियों का सामना कर रहा है। हाल ही में प्लेटफॉर्म के फाउंडर और सीईओ पावेल डुरोव की गिरफ्तारी के बाद से टेलीग्राम की स्थिति और भी जटिल हो गई है। फ्रांस में डुरोव की गिरफ्तारी के बाद भारत में भी टेलीग्राम के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है।
फ्रांसीसी अधिकारियों ने पावेल डुरोव को धोखाधड़ी, मादक पदार्थों की तस्करी, साइबरबुलिंग, और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किया है। डुरोव पर आरोप है कि उन्होंने प्लेटफॉर्म की मॉडरेशन नीतियों को ठीक से लागू नहीं किया, जिससे यह आरोप लगाए गए।
इधर अब भारत सरकार ने टेलीग्राम के खिलाफ जांच शुरू कर दी है, और अगर जांच के दौरान प्लेटफॉर्म के खिलाफ कोई गंभीर मामला सामने आता है, तो इसे भारत में बैन भी किया जा सकता है।
भारत में टेलीग्राम पर बढ़ा दबाव
मनीकंट्रोल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीग्राम पर आरोप लगाया गया है कि यह प्लेटफॉर्म जबरन वसूली और जुए जैसी आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा दे रहा है। भारत सरकार की जांच गृह मंत्रालय और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MeitY) द्वारा की जा रही है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, अगर जांच में टेलीग्राम की गतिविधियों को नियमों के खिलाफ पाया जाता है, तो इसे भारत में बैन करने की संभावना हो सकती है। टेलीग्राम की प्राइवेसी और सुरक्षा संबंधी चिंताओं ने भी इस स्थिति को और जटिल बना दिया है।
पावेल डुरोव की गिरफ्तारी और इसके प्रभाव
टेलीग्राम के सीईओ पावेल डुरोव की गिरफ्तारी हाल ही में फ्रांस में हुई थी। फ्रांसीसी अधिकारियों के अनुसार, डुरोव को धोखाधड़ी, मादक पदार्थों की तस्करी, साइबरबुलिंग, अपराध और आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
जानकारी के अनुसार, डुरोव ने प्लेटफॉर्म की मॉडरेशन नीतियों को ठीक से लागू नहीं किया, जिसके चलते ये आरोप लगने लगे। पावेल डुरोव की गिरफ्तारी के बाद, भारत में टेलीग्राम के खिलाफ जांच की शुरुआत ने इस प्लेटफॉर्म की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं।
UGC-NEET पेपर लीक विवाद
टेलीग्राम को पूर्व में भी गलत सूचनाओं और आपराधिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। एक प्रमुख विवाद UGC-NEET परीक्षा से संबंधित था, जहां परीक्षा का पेपर लीक हो गया था और टेलीग्राम पर इसे साझा किया गया था। यह पेपर प्लेटफॉर्म पर 5,000 रुपये से 10,000 रुपये के बीच बेचा जा रहा था, जिससे टेलीग्राम की छवि को और भी नुकसान पहुंचा।
पावेल डुरोव का भविष्य और टेलीग्राम की संभावनाएँ
पावेल डुरोव की गिरफ्तारी के बाद, यह सवाल उठता है कि उनके खिलाफ की जा रही जांच के परिणाम क्या होंगे। अगर आरोप साबित होते हैं, तो उन्हें 20 साल तक की सजा हो सकती है और भारी जुर्माना भी लगाया जा सकता है। टेलीग्राम की स्थिति इस समय काफी अनिश्चित है और इस पर निर्भर करेगा कि जांच के परिणाम क्या निकलते हैं।
टेलीग्राम का इतिहास और विकास
टेलीग्राम की शुरुआत 2013 में पावेल और निकोलाई डुरोव ने की थी। प्रारंभिक दिनों में कंपनी को वित्तीय समस्याओं का सामना करना पड़ा, लेकिन 2015 तक यह 6 करोड़ एक्टिव यूजर्स के आंकड़े को पार कर चुकी थी। कंपनी ने अपने व्यवसायिक मॉडल को सुधारने के लिए टेलीग्राम प्रीमियम सेवा लॉन्च की थी। हालांकि वर्तमान में सामने आ रही समस्याएं और विवाद इस प्लेटफॉर्म की स्थिति को चुनौतीपूर्ण बना रहे हैं।टेलीग्राम के भविष्य को लेकर अनिश्चितता के इस दौर में, यह देखना होगा कि भारत और अन्य देशों में इस प्लेटफॉर्म के खिलाफ उठाए गए कदम और पावेल डुरोव की कानूनी स्थिति टेलीग्राम के विकास पर क्या असर डालती है।