Bangladesh Politics Explainer : बांग्लादेश में हिंसा और अराजकता, शेख हसीना का इस्तीफा, हिंदू समुदाय और मंदिरों पर हमले, सैन्य कब्जा

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Bangladesh Violence, Bangladesh Army Rule, Bangladesh Politics Explainer, Sheikh Hasina : बांग्लादेश में हाल ही में हुई हिंसक घटनाओं ने देश के राजनीतिक और सामाजिक माहौल को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे और बांग्लादेश छोड़ने के बाद देश में उथल-पुथल मची हुई है।

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सूत्रों के मुताबिक, शेख हसीना ने भारत की ओर रुख किया है और फिलहाल यहाँ शरण ली हुई हैं। बांग्लादेश की आर्मी ने देश की कमान संभाल ली है। इस विकट स्थिति को देखते हुए यह जानना जरूरी है कि आखिर बांग्लादेश में ऐसा क्या हुआ कि प्रधानमंत्री को देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा।

हिंसक प्रदर्शन का प्रकोप

रविवार को बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों और प्रदर्शनकारियों के बीच हुई झड़पों में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोग घायल हुए हैं और पूरे देश में कर्फ्यू लगा दिया गया है। इंटरनेट सेवाएं भी बंद कर दी गई हैं, जिससे स्थिति की सही जानकारी मिलना मुश्किल हो गया है।

इन झड़पों के पीछे एक विवादास्पद मुद्दा है: बांग्लादेश की आरक्षण प्रणाली। हाल ही में बांग्लादेश में पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच भीषण झड़पें हुईं, जिसमें 200 से अधिक लोगों की जान चली गई। प्रदर्शनकारी सरकारी नौकरियों में आरक्षण को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं, जो 1971 के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के परिवारों के लिए 30 प्रतिशत आरक्षण प्रदान करता है।

आरक्षण प्रणाली के प्रावधान

बांग्लादेश में आरक्षण प्रणाली के तहत सरकारी नौकरियों का कुल 56 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित किया गया है। इसमें से 30 प्रतिशत आरक्षण स्वतंत्रता सेनानियों के परिवारों के लिए, 10 प्रतिशत पिछड़े जिलों के लिए, 10 प्रतिशत महिलाओं के लिए, 5 प्रतिशत जातीय अल्पसंख्यकों के लिए और 1 प्रतिशत दिव्यांगों के लिए आरक्षित है।

हिंदू समुदाय पर हमले

प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे के बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हमलों की बाढ़ सी आ गई है। देशभर में हिंदू मंदिरों और हिंदू समुदाय के घरों पर हमले हो रहे हैं। रंगपुर जिले के हिंदू काउंसलर काजल रॉय की हत्या कर दी गई है। इसके साथ ही ढाका में स्थित भारतीय सांस्कृतिक केंद्र पर भी तोड़फोड़ की गई है। सीएनएन-न्यूज 18 की रिपोर्ट के अनुसार, रंगपुर जिले में अवामी लीग के हराधन रॉय की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।

इस्कॉन मंदिर पर हमला

हिंदू बौद्ध ईसाई एकता परिषद की काजल देबनाथ ने जानकारी दी है कि इस्कॉन इंडिया के मंदिर पर हमला किया गया और मूर्तियों को तोड़ा गया। मेहरपुर (खुलना डिवीजन) में एक इस्कॉन केंद्र को जला दिया गया, लेकिन वहां मौजूद श्रद्धालु किसी तरह जान बचाने में सफल रहे।

मुस्लिम समुदाय की प्रतिक्रिया

हालांकि, कुछ राहत की बात यह है कि बांग्लादेश की कुछ मस्जिदों और मुस्लिम संगठनों ने हिंदू अल्पसंख्यकों की रक्षा करने की अपील की है। मोहम्मद जुबैर ने ऐसी ही एक अपील का वीडियो शेयर किया है, जिसमें कहा गया है कि देश में अशांति के इस दौर में सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखना चाहिए और हिंदू अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करनी चाहिए।

नीदरलैंड के नेता की अपील

नीदरलैंड के नेता गीर्ड वाइल्डर ने भी बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की तीव्र निंदा की है। उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा भयानक है। बर्बर इस्लामी भीड़ द्वारा उन्हें मारा जा रहा है और उनके घरों और मंदिरों को जलाया जा रहा है। इसे तुरंत रोका जाना चाहिए।”

हसीना सरकार पर आरोप

प्रदर्शनकारी छात्रों का आरोप है कि सरकार उन लोगों को आरक्षण दे रही है जो शेख हसीना सरकार का समर्थन करते हैं, और इस वजह से मेरिट के आधार पर सरकारी नौकरियां नहीं दी जा रही हैं। प्रदर्शनकारी इस आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने और शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। यही कारण है कि देश में लगातार हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं।

सैन्य कब्जा और भविष्य की दिशा

शेख हसीना के इस्तीफे और देश छोड़ने के बाद, बांग्लादेश की सेना ने देश की सुरक्षा और व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाए हैं। सेना ने हिंदू परिवारों, मंदिरों और पूजा स्थलों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं। यह कदम हिंदू अल्पसंख्यकों को सुरक्षा प्रदान करने और हिंसा को नियंत्रित करने के लिए उठाया गया है।