Honorarium Hike, Employees Regularization, Employees Benefit : विधानसभा चुनाव से पहले एक तरफ जहां कर्मचारियों के नियमितीकरण के लिए रास्ता तैयार किया जा रहा है। वहीं दूसरी तरफ एक बार फिर से मानदेय में बढ़ोतरी की तैयारी की जा रही है। मानदेय बढ़ाने के साथ ही कर्मचारियों के वेतन में बड़ा इजाफा देखा जाएगा।
विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने स्थायीकरण के मुद्दे को लेकर ड्राफ्ट तैयार किया है, जो अस्थायी कर्मचारियों के लिए राहत भरी कदम है। इस बीच, शहरी निकायों के पार्षदों और अन्य प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की भी तैयारी हो रही है।
इन सभी मुद्दों पर विचार करने वाली एक कमेटी की गठन की गई है, जो कमेटी की पहली बैठक शनिवार को हुई। कमेटी की बैठक में स्थानीय निकाय मंत्री सुभाष सुधा ने अध्यक्षता की। माना ज रहा है जल्द ही पार्षदों निकाय अधीक्षकों के मानदेय में बढ़ोतरी हो सकती है।
हो सकती है मानदेय में बढ़ोतरी
इससे पहले बैठक में निकाय प्रतिनिधियों ने अपनी मांगें रखी और विभागीय अधिकारियों ने अपने सुझाव दिए। अब इस कमेटी के अगले बैठक में संभावना है कि मानदेय वृद्धि के बारे में अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
मानदेय वृद्धि के मुद्दे पर हाल ही में विवाद उठा था। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पिछले साल निकाय प्रतिनिधियों के मानदेय में वृद्धि की थी। इसके बाद से ही वित्त विभाग ने इसे लेकर संशय जाहिर किया था।
कमेटी गठित
वित्त विभाग के सुझाव के बावजूद, स्थानीय निकायों के प्रतिनिधियों ने इस मुद्दे पर दबाव बनाए रखा और इसे लेकर कमेटी गठित की गई। अब उन्हें एक मंगलवार को फिर से बैठक बुलाई गई है, जिसमें इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
इससे पहले हरियाणा मुख्यमंत्री नायब सैनी ने हिसार में आयोजित राज्य स्तरीय शहरी स्थानीय निकायों के जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कई घोषणाएं की थीं। इस बीच मानदेय वृद्धि पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था। इसलिए पार्षदों ने विरोध प्रकट किया था और इसके बाद कमेटी की गठन हुई थी।अब कमेटी के द्वारा लिये गए निर्णय के बाद, मानदेय वृद्धि पर फैसला लिया जाएगा।
इतना बढ़ा था मानदेय
पिछले साल हरियाणा में स्थानीय निकायों के पार्षदों और अन्य पदाधिकारियों के मानदेय में बढ़ोतरी की गई थी। बैठक में जानकारी दी गई कि पिछले साल सरकार ने मेयर का मानदेय 20,500 से 30,000 रुपये किया था, सीनियर डिप्टी मेयर का मानदेय 16,500 से 25,000 रुपये, डिप्टी मेयर का मानदेय 13,000 से 20,000 रुपये, पार्षदों का मानदेय 10,500 से 15,000 रुपये, परिषद अध्यक्ष का मानदेय 10,500 से 18,000 रुपये, और उपाध्यक्ष का मानदेय 7,500 से 12,000 रुपये किया गया है।