UP Politics Explainer, BJP, Yogi Adityanath, JP Nadda, Keshav Maurya : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रविवार को आयोजित बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है। इस बैठक के तुरंत बाद, डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी को दिल्ली बुलाया गया। मंगलवार को, दोनों नेताओं ने भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से अलग-अलग मुलाकात की। इस मुलाकात को लेकर चर्चाएँ गर्म हैं कि इसमें लोकसभा चुनाव में सीटें कम होने और यूपी में पार्टी की भविष्य की रणनीति पर चर्चा की गई।
केशव प्रसाद मौर्य की चुप्पी और बयान:
सीएम योगी आदित्यनाथ की अगुआई में चल रही कैबिनेट बैठकों में अनुपस्थित रहने के बाद केशव प्रसाद मौर्य ने करीब 20 दिनों तक चुप्पी साधे रखी थी। यह चुप्पी रविवार को बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में टूटी, जब उन्होंने मंच पर कहा कि संगठन को सरकार से बड़ा बताया। केशव ने कहा, “मैं बीजेपी कार्यकर्ता पहले हूं, डिप्टी सीएम बाद में।” इस बयान के बाद से पार्टी में मतभेदों की चर्चा तेज हो गई और उन्हें दिल्ली तलब किया गया।
दिल्ली में मुलाकात और संभावित बदलाव:
भूपेंद्र चौधरी और केशव प्रसाद मौर्य की जेपी नड्डा से हुई मुलाकात के बारे में जानकारी मिल रही है कि इसमें यूपी में पार्टी की भविष्य की रणनीति और लोकसभा चुनाव में सीटों की संभावनाओं पर चर्चा की गई। सूत्रों का कहना है कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश में कुछ बदलाव करने की योजना बना रहा है। नड्डा ने दोनों नेताओं से आंशिक बदलावों के लिए सुझाव मांगे हैं।
भूपेंद्र चौधरी ने पहले ही नड्डा को सूचित किया था कि वह किसी भी प्रकार के बदलाव के लिए तैयार हैं। सूत्रों के अनुसार, पार्टी में संगठन के कुछ चेहरों को सरकार में शामिल किया जा सकता है, जबकि कुछ मंत्रियों को संगठन में स्थानांतरित किया जा सकता है। मंत्रियों के विभाग भी बदलने की संभावना है। इसके अलावा, यूपी में जल्द ही दस विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं, जिससे पार्टी के रणनीतिक बदलाव की चर्चा और भी अहम हो जाती है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की तैयारी:
इस बीच, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बुधवार को अपने आवास पर मंत्रियों की बैठक बुलाई है। इस बैठक में उपचुनाव वाली सीटों की समीक्षा की जाएगी। मंत्रियों ने उपचुनाव वाली सीटों पर दो-दो की टीम लगाकर दौरा किया है और कार्यकर्ताओं से बातचीत करके अपनी रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उपचुनाव की रणनीति पर चर्चा करेंगे और आवश्यक निर्णय ले सकते हैं।
भविष्य की रणनीति:
बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक और दिल्ली में हुई चर्चाओं के बाद पार्टी में आंतरिक समीकरणों की समीक्षा की जा रही है। आगामी लोकसभा चुनाव और प्रदेश में हो रहे उपचुनाव के मद्देनजर पार्टी की नई रणनीति तैयार की जा रही है। इस रणनीति में संभावित बदलाव और फेरबदल शामिल हो सकते हैं, जिनसे पार्टी की स्थिति को मजबूत किया जा सके।
लखनऊ में बीजेपी की प्रदेश कार्यसमिति की बैठक और दिल्ली में केशव प्रसाद मौर्य एवं भूपेंद्र चौधरी की मुलाकात ने पार्टी के भीतर नई राजनीतिक समीकरणों की संभावना को जन्म दिया है। केशव प्रसाद मौर्य की चुप्पी, उनके मंच पर दिए गए बयान, और पार्टी में संभावित बदलाव इस बात को दर्शाते हैं कि बीजेपी आने वाले चुनावों के लिए पूरी तैयारी कर रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ की मंत्रियों के साथ बैठक भी इस बात की ओर इशारा करती है कि पार्टी उपचुनाव और भविष्य की रणनीति को लेकर गंभीरता से विचार कर रही है। इस सभी गतिविधियों के पीछे बीजेपी का लक्ष्य प्रदेश और देश की राजनीति में अपनी स्थिति को मजबूत करना है।