Surguja: नगर पंचायत से तीन नग पानी टंकी गायब, एसडीएम पहुँचे निरीक्षण पर..!

सीतापुर/अनिल उपाध्याय। सरगुजा जिले के सीतापुर नगर में पेयजल आपूर्ति बहाल करने नगर पंचायत द्वारा खरीदे गए पानी टंकी में से तीन नग पानी टँकी गायब है। नगर पंचायत से तीन नग टंकी कब गायब हुई और इसे किसने गायब किया। इस बात कि चर्चा फिलहाल नगर में काफी गरमाया हुआ है। बहरहाल इस बारे में जानकारी मिलते ही सच्चाई जानने एसडीएम नगर पंचायत पहुँचे। जहाँ इन्होंने इस मामले में सीएमओ समेत नगर पंचायत के कर्मचारियों से पूछताछ की।
      
गौरतलब है कि नगर में पेयजल आपूर्ति की सुविधा बहाल करने नगर पंचायत द्वारा आवश्यकतानुसार पानी टंकी की खरीदी गई थी। इस दौरान लंबे समय तक उपयोग के बाद अनुपयोगी टंकियों को किनारे लगा दिया जाता था। उसकी जगह जरूरत के अनुसार नइ टंकी खरीदी जाती थी। जिसमे कुछ पानी टंकी विधायक मद एवं कुछ पार्षद मद से खरीदा जाता था। सूत्रों के मुताबिक नगर पंचायत द्वारा दो दशकों में लगभग एक दर्जन से ज्यादा पानी टंकी की खरीदी की गई।जिसमे जो पानी टंकी उपयोगी होता उसे उपयोग में लाया जाता था। अनुपयोगी हो चुकी पानी टंकी को नगर पंचायत किनारे लगा देती थी। ऐसे कुल पांच से छः पानी टंकी ऐसी थी जो बेकार पड़े कबाड़ हो रही थी। इसी बेकार पड़े पानी टंकी में से तीन टंकी गायब बताई जा रही है।

इस बात का खुलासा तब हुआ जब प्रशासन एवं नगर पंचायत द्वारा प्रतीक्षा बस स्टैंड में संयुक्त रूप से दुकान सीलबंदी कि कार्यवाही की गई थी। इस कार्यवाही से उस शख्स का भी दुकान सीलबंद हो गया था। जिसे नगर पंचायत में हुए इस घपले की पूरी जानकारी थी। दुकान सीलबंद होते ही उस शख्स ने नगर पंचायत से तीन नग पानी टंकी गायब होने की बात उजागर कर दी। जिसके बाद यह बात नगर में लोगो के बीच चर्चा का केंद्र बन गया।

यह बात विधायक रामकुमार टोप्पो एवं एसडीएम के संज्ञान में भी आ गया। जिसकी सच्चाई जानने विधायक नगर पंचायत आने वाले थे। किंतु क्षेत्र के दौरे में होने के कारण वो नही आ सके। इस बात की पुष्टि करने एसडीएम रवि राही नगर पंचायत कार्यालय पहुँचे। जहाँ उन्होंने सीएमओ समेत कर्मचारियों से इस बारे में चर्चा कर सच्चाई जानने की कोशिश की। बहरहाल इस मामले में क्या सच है क्या झूठ है।यह बात जाँच के बाद ही सामने आयेगी।

इस संबंध में सीएमओ ओमप्रकाश शर्मा ने कहा कि इस बारे में दस्तावेजों के निरीक्षण के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। इसके लिए खरीदी संबंधी सारे पुराने दस्तावेज खंगालने पड़ेंगे। तब कही जाकर इस मामले में गलत सही का पता चलेगा।

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