Kalyug Prediction : कलियुग के 10 हजार वर्षों के बाद सच होगी यह भविष्यवाणी, घटेगी भीषण घटनाएं, समाप्त हो जाएगी पवित्र नदियां

Kalyug Prediction, Kalyug Prediction 2024, Kalyug : इस युग के अंत के करीब होते ही, भूमि पर अनाज की पैदावार में भी कमी आने की भविष्यवाणी की गई है।

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Kalyug Prediction, Kalyug Prediction 2024, Kalyug : कलियुग के 10 हजार वर्षों के बाद होने वाली भविष्यवाणियों के बारे में जानने से पहले हमें यह समझना आवश्यक है कि कलियुग क्या होता है और इसकी विशेषताएँ क्या हैं। वेदों और पुराणों के अनुसार, कलियुग धर्म, सत्य, शांति और सच्चाई की कमी के युग के रूप में जाना जाता है, जिसमें मानव समाज में अनेक विशेषताएँ होती हैं जो भविष्यवाणियों में उल्लेखित हैं।

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Kalyug Prediction : भूमि पर घटने लगेंगी अनेक घटनाएं

कलियुग में धर्म, सत्य और समृद्धि की कमी के बारे में ब्रह्मवैवर्त पुराण में विस्तार से बताया गया है। इस पुराण के अनुसार, जब कलियुग का अंत नजदीक आएगा, तो भूमि पर अनेक घटनाएं घटने लगेंगी जो हमारे जीवन को पूरी तरह से प्रभावित करेंगी।

सबसे पहले ब्रह्मवैवर्त पुराण ने बताया है कि कलियुग के अंत के पहले, धरती से गंगा, सरस्वती और तुलसी जैसी पवित्र नदियां समाप्त हो जाएंगी। ये नदियां और उनके तीर्थस्थल धरती से बैकुंठ धाम की ओर अपने लिए रवाना हो जाएंगी। इसके साथ ही वृंदावन और काशी जैसे पवित्र स्थल भी उनके साथ चले जाएंगे। इससे पवित्रता के स्थलों का नाश होगा और मानव जीवन में धार्मिकता की कमी महसूस होगी।

Kalyug Prediction : पवित्र नदियां समाप्त हो जाएंगी

इसके अलावा, भगवान जगन्नाथ के मूर्ति और अन्य पवित्र वस्तुओं के साथ भी ऐसा होगा कि वे धरती को छोड़कर अपने धाम को पधार जाएंगे। इससे लोगों का पूजा पाठ करने का आदान-प्रदान भी कम हो जाएगा और धार्मिकता में कमी आएगी।

Kalyug Prediction : लोगों की आदतें भी परिवर्तित होंगी

कलियुग के अंत के समय में लोगों की आदतें भी परिवर्तित होंगी। ब्रह्मवैवर्त पुराण में यह भी कहा गया है कि लोग मांस और मदिरा का अधिक सेवन करेंगे। वे अपने परिवार के सदस्यों के प्रति अपशब्दों का प्रयोग करेंगे और आपसी संबंधों में मधुरता की कमी महसूस होगी। इससे समाज में असमंजस्य और विश्वासघातीता की बढ़त हो सकती है।

इस युग के अंत के करीब होते ही, भूमि पर अनाज की पैदावार में भी कमी आने की भविष्यवाणी की गई है। लोगों के व्यवहार में मिठास की कमी आएगी और लोग अपने आपसी संबंधों में विश्वास नहीं रखेंगे।

इसके अतिरिक्त, तकनीकी प्रगति के साथ साथ, व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन में धर्म और नैतिकता की कमी भी आ सकती है। लोगों के बीच नैतिक मूल्यों की गिरावट हो सकती है और धर्म से अलग होने का समय आ सकता है।

अंत में, ब्रह्मवैवर्त पुराण की भविष्यवाणियां हमें यह बताती हैं कि कलियुग के अंत के समय मानव जीवन में अनेक बदलाव आ सकते हैं जो समाज को पूरी तरह से प्रभावित करेंगे। इन भविष्यवाणियों को समझकर हमें समय रहते अपने जीवन को सुधारने की दिशा में कठिन प्रयास करना चाहिए।