बैंगलोर में अभी भी बंधक है सरगुजा के चार युवक

बंधक रहा एक व्यक्ति बैंगलोर से भाग पहुंचा मणिपुर पुलिस के पास, की शिकायत

अम्बिकापुर

एजेंट के जाल में फंसकर बैंगलोर में एक बोरवेल में बंधक बनकर काम कर रहे व्यक्ति ने लगभग 7 माह का वेतन नहीं मिलने पर वहां से किसी प्रकार भाग अम्बिकापुर पहुंचा और घटना की षिकायत मणिपुर पुलिस सहायता केन्द्र में दर्ज कराई। बैंगलोर से भागकर आये व्यक्ति के अनुसार अब भी वहां सरगुजा के चार युवक बंधक बनकर रह रहे है।

इस संबंध में मणिपुर पुलिस सहायता केन्द्र में शिकायत करने पहुंचे प्रतापपुर क्षेत्र के ग्राम सकलपुर निवासी मनोहर साय पिता षिवनाथ 50 वर्ष ने बताया कि जुलाई माह 2015 में नमनाकला खटिकपारा निवासी तहशील सारथी पिता बाल साय सारथी ने उसे बैंगलोर में काम करने की बात कहकर साथ ले गया और जहां उसने बैंगलोर के चिन्तामणि के बोरवेल में लगभग 7 माह 5 दिन काम किया और मजदूरी के तौर पर बन रही राषि 7 हजार 600 रूपये नहीं दिया गया। साथ ही मनोहर ने बताया कि वहां अम्बिकापुर के गांधीनगर निवासी प्रदीप, लक्ष्मण व दो सीतापुर के युवक भी है। संचालक के द्वारा उन पर कड़ी निगरानी रखने के साथ रात दिन काम लिया जा रहा था। काम नहीं करने पर मारपीट भी की जाती है। किसी प्रकार वह नावापारा निवासी सुनिल के साथ वहां से निकलने में सफल हो गये, बांकि लोग भी वहीं है। मनोहर ने बताया कि वहां काम करने के बाद रात को उनके हाथ बाध दिया जाता था, जिससे वे भाग न सके।