अम्बिकापुर
अविभाजित मध्यप्रदेश की पटवा सरकार मे गृह राज्यमंत्री रहे श्री नर नारायण सिंह का आज लंबी बिमारी के बाद निधन हो गया । श्री सिंह 81 साल के थे और ह्रदय की बिमारी से पीडित श्री सिंह का पिछले 4 महीने से अम्बिकापुर के होली क्रास अस्पताल मे इलाज चल रहा था। आजादी के पहले 19 मई 1935 मे जन्मे श्री सिंह लंबे समय तक भाजपा की राजनिती मे सक्रिय रहे और सरगुजा जिला मे भाजपा के प्रथम अध्यक्ष के साथ ही स्व. श्री सिंह पिलखा विधानसभा क्षेत्र से विधायक निर्वाचित हुए थे।
दिवंगत पूर्व गृहराज्य मंत्री नर नारायण सिंह को सरगुजा में भाजपा के स्तंभ पुरुष के नाम से भी जाना जाता रहा है। हांलाकि सरल, सुलभ और विरासत मे मिली ईमानदार छवि के कारण कुछ वर्ष पूर्व मे ही राजनीति से उनका मोह भंग हो गया था। और वो अपने अंतिम समय तक सरगुजा के ख्याति प्राप्त अधिवक्ता के रुप मे भी काम करते रहे है। अम्बिकापुर के मिशन अस्पताल मे अंतिम सांसे लेने के बाद हुए उनके निधन से समूचे सरगुजा में शोक की लहर है। निधन के बाद दिवंगत श्री सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ शहर के शंकरघाट स्थित मुक्तिधाम मे किया गया। जंहा पर विभिन्न राजनैतिक दलो के साथ ही काफी संख्या मे आम नागरिक भी शामिल हुए। इधर अंतिम संस्कार के दौरान मुक्तिधाम पंहुचे अम्बिकापुर के ही निवासी और पूर्व गृहमंत्री प्रभु नारायण त्रिपाठी ने भी इस निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया । और निगम के पूर्व सभापति त्रिलोक कपूर कुशवाहा के साथ पार्षद आलोक दुबे ने श्री सिंह के निधन को शहर की नही पूरे छत्तीसगढ की क्षति बताया है।
बेवाक राजनैतिक और क्रिमनल लाँयर थी पहचान
1989 में पटवा शासन में 18 दिनो के लिए गृृह राज्यमंत्री रहे स्वर्गीय नर नारायण सिंह अपने बेवाक , निर्भिक भाषण के लिए जाने जाते थे। उनकी इसी पहचान ने उन्हे सरगुजा की राजनीति का नायक बना दिया था। इससे हटकर वो एक क्रिमनल लाँयर के रुप मे भी विख्यात थे। श्री सिंह राजनैतिक गतिविधियो के साथ सामाजिक गतिविधियो मे भी काफी सक्रिय थे। अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के जिला अध्यक्ष भी रहे चुके थे। यही वजह है कि आज उनके निधन की खबर जिसे जैसे पता चली उनके अंतिम दर्शन के लिए केदारपुर स्थित उनके निवास पंहुच गए।
एक युवा की पहल से राजकीय सम्मान के साथ हुई अंतिम विदाई
गौरतलब है कि पूर्व गृहराज्य मंत्री श्री एन.एन.सिंह के निधन के बाद उनका अंतिम संस्कार साधारण तरीके से किए जाने की तैयारी चल ही रही थी , कि शहर के उत्साही युवा शिवेश सिंह ने आनन फानन मे रायपुर स्थित सीएमहाउस के साथ ही मंत्री राजेश मूणत से मोबाईल मे बात की और सरगुजा कलेक्टर के अलावा सरगुजा पुलिस अधीक्षक को भी उनके निधन की जानकारी देकर राजकीय सम्मान से अंतिम संस्कार की अपील की। और आखिरकार जागरुक और समाजसेवी युवा शिवेस सिंह (बाबू) का प्रयास सफल रहा । जिसके बाद पूर्व गृहराज्य मंत्री श्री सिंह का अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ हो सका है।
लेखक भी थे स्वर्गीय नर नाराायण सिंह
पूर्व गृहराज्य मंत्री नरनारायण सिंह ने 345 पेज की पुस्तक भी लिखी है। ” शून्य से शिखर तक” मेरी आत्म कथा नामक इस पुस्तक का संस्करण 27 फरवरी 2014 को महाशिवरात्रि के शुभ मूहूर्त मे किया गया था। इस पुस्तक मे श्री सिंह ने अपने पूर्वजो के संघर्ष से पिता की ईमानदारी तक के तमाम पहलुओ के साथ अपने जीवन मे आए उतार चढाव और आज की राजनिती के गिरते स्तर तक का उल्लेख किया।
अंतिम संस्कार मे उपस्थित लोग
अम्बिकापुर स्थित मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के दौरान स्व. श्री सिंह के दोनो पुत्र श्री हर्षवर्धन सिंह एवं श्री राजवर्धन सिंह सहित अन्य परिजन, जिला प्रषासन की ओर से अपर कलेक्टर श्री एस.एन. राम, प्लाटून कमाण्डेंट श्री त्रिलोकीनाथ सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री वेदव्रत सिरमौर, डिप्टी कलेक्टर श्री आर.के. तंबोली तथा वरिष्ठ नागरिक श्री यू.एस. सिंहदेव, श्री देवेष्वर सिंह, श्री करता राम गुप्ता, श्री जे.पी. श्रीवास्तव, श्री बाल कृष्ण पाठक, श्री त्रिलोक कपूर कुषवाहा, श्री अजय अग्रवाल, श्री अनुराग सिंहदेव, श्री अखिलेष सोनी, श्री आलोक दुबे, श्री शिवेष सिंह, श्री प्रकाष राय, श्री दिलीप राय सहित बड़ी संख्या में अन्य गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। । वे अपने पीछे पत्नी श्रीमती उमा सिंह, पुत्र हर्षवर्धन एवं राजवर्धन तथा पुत्री निधि एवं तनुजा सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गये हैं।