मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर. नाबालिग को भगाकर उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपियों को पॉक्सो एक्ट के तहत सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। इस मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ आरोप सिद्ध हुआ था। जिसके बाद अपर सत्र न्यायाधीश एफटीएससी (पॉक्सो) मनेंद्रगढ़ आनंद प्रकाश दीक्षित की अदालत ने तीन आरोपियों को सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
कब का है मामला?
विशेष लोक अभियोजक जीएस राय के मुताबिक, नाबालिग अपनी दीदी के घर जा रही थीं। इस दौरान पड़ोस में रहने वाली लड़की से उसकी जान-पहचान हुई। पड़ोसी ने नाबालिग से एक और युवक की दोस्ती कराई। इसके बाद दोनों ने नाबालिग को बिहार ले जाकर काम दिलाने की बात कही।
”23 सितंबर 2022 की रात में 9 बजे दोनों बाइक से नाबालिग के घर पहुंचे और उसे लेकर आ गए। इसके चार दिन बाद दोनों ने नाबालिग को वापस घर छोड़ने की बात कहकर मकुनपुरी जंगल में छोड़ दिया। जहां से वो पैदल अपने बुआ के घर आई। जहां आकर उसने अपने साथ हुई आपबीती के बारे में बताया।”
– जीएस राय, विशेष लोक अभियोजक
मामले में नाबालिग के पिता की मौखिक शिकायत के आधार पर झगराखांड पुलिस ने केस दर्ज कर अभियोग पत्र न्यायालय में पेश किया। न्यायाधीश ने अभियुक्तों के दोष सिद्ध पाए जाने पर खड़गवां थानांतर्गत अभियुक्त को 10-10 वर्ष के सश्रम कारावास 20 वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई।
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