सूरजपुर. छत्तीसगढ़ में हाथी की मौत मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। यहां के सूरजपुर जिले में एक हाथी को करंट लगाकर मार दिया गया। इसमें तीन लोग शामिल थे। बिजली के करंट से पहले हाथी को मारा गया। फिर उसके शव को काटकर अलग-अलग जगहों पर दफनाया गया। इस केस में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इस बात की जानकारी वन विभाग ने दी है।
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि “यह घटना पिछले महीने सूरजपुर के घुई वन मंडल की है। यहां के धुरिया गांव के पास जंगल में बिजली का तार बिछाया गया था। जिसकी चपेट में हाथी आ गया। उसके बाद अपराध को छिपाने के लिए आरोपियों ने शव को काटा और उसके हिस्से को 12 अलग अलग-जगहों पर दफना दिया। इस केस में रविवार को धुरिया गांव से नरेंद्र सिंह, जनकू राम और रामचंदर को गिरफ्तार किया गया। फिर उनसे पूछताछ की गई। जिसमें आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया है। उनके बयानों के आधार पर हाथी के शरीर और अंग जंगल से बरामद किए गए हैं। तीनों आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है।”
छत्तीसगढ़ में हाथी मानव संघर्ष चिंता का विषय
छत्तीसगढ़ में हाथी मानव संघर्ष चिंता का विषय है। यहां बीते एक दशक से हाथी मानव संघर्ष की घटनाएं हो रही है। सबसे ज्यादा हाथी मानव संघर्ष की घटनाएं सरगुजा, रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर और बलरामपुर में देखने को मिलते हैं। ये जिले हाथी मानव संघर्ष के खतरों का सामना कर रहे हैं। वन विभाग के अधिकारियों की तरफ से दी गई जानकारी में बीते पांच साल में 70 से अधिक हाथियों की मौत छत्तीसगढ़ में हुई है। इनमें बीमारी और उम्र की वजह से मौतें शामिल है। इसके अलावा बिजली के झटकों से भी मौत की बात सामने आई है।
बीते सप्ताह करंट से एक बाघ की भी हुई है मौत
बीते सप्ताह सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के गोमर्डा वन्य जीव अभ्यारण्य में करंट लगने से एक बाघ की मौत हो गई थी। बाघ का शव जंगल में दबाया गया था। इस केस में पुलिस ने चार लोगों को गिरफ्तार किया था।