सुरेश प्रभु पहुंचे संसद, कहा, हर स्टेशन पर देंगे Wi-Fi

नई दिल्ली
मोदी सरकार गुरुवार को अपना तीसरा रेल बजट पेश करने जा रही है। सुरेश प्रभु अगले 15 साल में रेलवे के डेवलपमेंट का ‘विजन 2030’ डॉक्युमेंट पेश कर सकते हैं। दोपहर 12 बजे वे लोकसभा में बजट पेश करेंगे। इसमें रेलवे के रिफॉर्म का पूरा रोडमैप होगा। रेल मंत्री नई प्रीमियम ट्रेनों का एलान कर सकते हैं। किराया बढ़ेगा या सर्विसेस पर सरचार्ज, इस पर सस्पेंस कायम है।
बजट फाइनल करते वक्त रेल
मंत्री ने क्या कहा…

 बुधवार को रेल बजट 2016-17 को फाइनल करते वक्त प्रभु ने कहा कि यह बजट देश और रेलवे के हित में होगा।
 सातवें पे कमीशन की सिफारिशों को लागू करने की वजह से 32 हजार करोड़ रुपए का बोझ बढ़ेगा।
 इंडियन लाइफ इन्श्योरेंस और जापान इंटरनेशनल एजेंसी ,जाइका, से मिले कर्ज के कारण करीब दस हजार करोड़ रुपए की अदायगी की जानी है। इसे बैलेंस किया जाएगा।
 इसके लिए बजट में रेवेन्यू के नए मॉडल पेश किए जाएंगे।
अपडेट्स…
11.10AM:संसद पहुंचे रेल मंत्री।
10.00AM: प्रभु ने कहा,”हर स्टेशन पर देंगे वाई-फाई। ”
9.40AM:रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा,” मैं ड्राइविंग सीट पर जरूर हूं, लेकिन पूरी जनता मेरे साथ सफर कर रही है।”
9.40AM: रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने कहा,”यह बजट सुधारों वाला होगा। जनता के हितों का ख्याल रखा जाएगा। ”
9.20AM: रेल बजट की कॉपियां संसद पहुंचीं।
बिना किराया बढ़ाए 3 लाख करोड़ रुपए खींचने की तैयारी
रेल बजट पैसेंजरों की जेब से तीन लाख करोड़ रुपए निकालेगा। मैनेजमेंट और पैकेजिंग की चकाचौंध में हो सकता है कि यह नजर नहीं आए।
मौजूदा फाइनेंशियल ईयर में रेलवे के रेवेन्यू में 3.77 पर्सेंट की कमी हुई है। यानी करीब 1 लाख 17 हजार करोड़ रुपए की।
इस वजह से ऑपरेटिंग रेशियो मैक्सिमम लेवल पर है। रेलवे को 92 पैसे खर्च करने पर 1 रुपए की इनकम हो रही है।
बजट में हो सकता है कि किराया न बढ़े, लेकिन सरचार्ज बढ़ सकता है।
पैसेंजर्स के लिए क्या होगा?
 बजट में पैसेंजरों की सहूलियत का ख्याल रखते हुए रिफॉर्म होगा।
समझा जा रहा है कि बिना पैसेंजर किराया बढ़ाए माल ढुलाई, पार्सल और ऐड के जरिए पैसे जुटाए जाएंगे।
खानपान का नया सिस्टम लागू किया जा सकता है।
किस रास्ते है जेब काटने की तैयारी?
पसंदीदा सीटों का सिलेक्शन करने, ट्रैवल डेट के आसपास कन्फर्म सीट लेने पर एक्स्ट्रा पेमेंट का ऑप्शन।
टिकटों पर मिलने वाली छूटों में कमी की जा सकती है या उसके नियम कड़े बनाए जा सकते हैं।
कैटरिंग, कुरियर और लगेज सर्विस महंगी हो सकती है।
कुछ खास नई ट्रेनों की अनाउंसमेंट हो सकती है, पर ज्यादा फोकस नई ट्रेनों की जगह बोगियों की संख्या बढ़ाने पर हो सकता है।
रेल मिनिस्ट्री 26 लाख पेज कम छापकर बचाएगी 165 पेड़
रेल मंत्रालय पेपरलेस वर्किंग को आगे बढ़ाने पर काम कर रहा है।
 इसी के तहत रेल बजट में 26 लाख पेज कम छापेगा।
 रेलवे की इस पहल से करीब पौने दो सौ पेड़ कटने से ही नहीं बचेंगे, बल्कि इससे रेलवे चार लाख रुपए की बचत भी करेगा।
रेलवे की पार्लियामेंट कैंटीन में सब्सिडी खत्म
सब्सिडी खत्म हो जाने के बाद यहां खाने-पीने की चीजों के दाम दो से तीन गुना बढ़ गए हैं।
 संसद की कैंटीन का जिम्मा रेलवे के पास है। ये कैंटीन मीडिया और सांसदों के लिए रिजर्व है।
 पार्लियामेंट के रिसेप्शन बिल्डिंग की कैंटीन में अब खाने के लिए लोगों को अपनी जेब ज्यादा ढीली करनी पड़ रही है।
 जो चाय पहले दो रुपए की मिलती थी, उसकी कीमत अब छह रुपए हो गई है।
आम आदमी के लिए बजट में 10 एलान क्या हो सकते हैं…
रेलवे बोर्ड के चेयरमैन रह चुके एसएस खुराना और स्पोक्सपर्सन रहे एमवाई सिद्दीकी से dainikbhaskar.com ने बातचीत कर जाना कि रेल बजट से क्या उम्मीदें कर सकते हैं और साथ ही वो एलान जो हर साल होते हैं…
1. पैसेंजर फेयर या सरचार्ज 10 पर्सेंट बढ़ सकता है।
2.इस बार हर ट्रेन में एक जनरल कोच बढ़ाने का एलान हो सकता है। ट्रेन में कोचों की संख्या 24 से बढ़ाकर 26 की जा सकती है।
3. अगर फेयर नहीं बढ़ा तो एसी कोच में पिलो या फोन चार्जर जैसी फैसिलिटी के लिए चार्ज लगाया जा सकता है।
4. बुजुर्गों और बच्चों को किराए में मिलने वाली छूट कम की जा सकती है।
5. प्रीमियम ट्रेनों की संख्या बढ़ाई जा सकती है।
6.जिस तरह महामना एक्सप्रेस शुरू हुई है, उसी तरह सुभाष चंद्र बोस, सरदार पटेल या दीनदयाल उपाध्याय के नाम से स्पेशल ट्रेनें चलाई जा सकती हैं।
7. सुपरफास्ट रूट का एलान किया जा सकता है। इनमें बेंगलुरु-चेन्नई, दिल्ली-चंडीगढ़, दिल्ली-लखनऊ, दिल्ली-पटना और कोलकाता-हल्दिया शामिल हो सकते हैं।
8. नया हेल्पलाइन नंबर जारी हो सकता है, जिस पर फोन या एसएमएस करने से तुरंत हेल्प मिलेगी। एक ट्वीट पर रेल मंत्री सुरेश प्रभु पैसेंजरों को मदद मुहैया करा ही रहे हैं।
9. शताब्दी एक्सप्रेस में स्पेन के हाई स्पीड कोच लग सकते हैं। इनमें टू-वे स्विंग डोर लगेंगे, ताकि पैसेंजर आसानी से कोच से बाहर और अंदर जा सकें।
10. प्लेटफॉर्म अलर्ट एसएमएस शुरू हो सकता है। ट्रेन किस प्लेटफॉर्म पर आएगी, इसकी इन्फॉर्मेशन मैसेज के जरिए मिलेगी।
रेल मंत्रियों का बजट, एलान और विवाद
1. नीतीश कुमार
 एनडीए की वाजपेयी सरकार में दो बार 1998-99 और 2001-04 रेल मंत्री रहे।
 रेलवे सेफ्टी और पेंडिंग प्रोजेक्ट्स पर व्हाइट पेपर।
 पुरानी हो चुकी एसेट्स के लिए 17 हजार करोड़ का बजट।
 इंटरनेट टिकट बुकिंग और तत्काल टिकट बुकिंग उन्हीं के कार्यकाल में शुरू हुई।
2. लालू प्रसाद यादव
 2004-09 के बीच रेल मंत्री रहे। दिलचस्प तरीके से बजट भाषण पढ़ते थे।
 पैसेंजर किराया नहीं बढ़ाया। लेकिन मालभाड़े से मिलने वाला रेवेन्यू बढ़ा दिया।
 रेलवे की माली हालत बदल देने के लिए उनके कामकाज की केस स्टडी आईआईएम में पढ़ाई जाने लगी।
 उनके बाद रेल मंत्री बनीं ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि लालू ने आंकड़ों में हेर-फेर कर बढ़ा हुआ रेवेन्यू दिखाया था।
3. ममता बनर्जी
 1999 से 2001 के बीच एनडीए की सरकार में और 2009 से 2011 के बीच यूपीए की सरकार में रेल मंत्री रहीं।
 दुरंतो ट्रेन और पश्चिम बंगाल के लिए खास योजनाएं।
 एक बार भी किराया नहीं बढ़ाया, लेकिन रेलवे की आर्थिक हालत सुधार नहीं पाईं।
 एक व्हाइट पेपर लाकर दिखाया कि लालू ने रेलवे की सूरत बदल देने का कैसे गलत दावा किया था।
4. दिनेश त्रिवेदी
 ममता के पश्चिम बंगाल की सीएम बनने के बाद यूपीए सरकार में रेल मंत्री बने।
 सबसे पहले रेलवे बोर्ड का ढांचा बदला।
 पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के इच्छा के खिलाफ जाते हुए यह कहकर रेल किराया बढ़ा दिया कि पैसेंजरों को सुविधाएं चाहिए तो रेलवे को किराया बढ़ाना होगा।
 विवाद इतना बढ़ा कि ममता ने तब पीएम रहे मनमोहन सिंह से सिफारिश कर दी कि त्रिवेदी को बर्खास्त किया जाए।
 उनके बाद कुछ महीने के लिए मुकुल रॉय रेल मंत्री बने।
5. सदानंद गौड़ा
 मोदी सरकार के पहले रेल मंत्री बने।
 इन्होंने भी रेलवे बोर्ड का ढांचा बदलने की कोशिश की।
कैबिनेट ने रेलवे में एफडीआई को मंजूरी दे दी थी, लेकिन गौड़ा इसका रोडमैप पेश नहीं कर पाए।
 कहा गया कि वे रेलवे ब्यूरोक्रेसी से काम नहीं करा पाए।
6. सुरेश प्रभु
 गौड़ा कुछ ही महीने रेल मंत्री रहे। उन्हें सुरेश प्रभु ने रिप्लेस किया।
 मोदी की पसंद होने के कारण प्रभु की सीधी एंट्री हुई।
 कुछ ही घंटों में उन्होंने शिवसेना छोड़ बीजेपी की मेंबरशिप और मंत्री पद की शपथ ली।
 अपने पहले रेल बजट में उन्होंने किसी भी नई ट्रेन का एलान नहीं किया।
 माल भाड़ा बढ़ाया। लेकिन कुछ टोल फ्री नंबर और ट्रेनों में ई-कैटरिंग जैसी फैसिलिटी शुरू करने का एलान किया।