नई दिल्ली
जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के दो छात्रों देश विरोधी नारे के आरोप में फरार पांच छात्रों में से दो ने मंगलवार देर रात को सरेंडर कर दिया। आज दोनों आरोपियों की मजिस्ट्रेट के सामने पेशी होगी। बुधवार दोपहर दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया जाएगा। साथ ही दिल्ली उच्च न्यायालय देशद्रोह के मामले में आरोपी जेएनयू के दो छात्रों की उस याचिका पर आज सुनवाई करेगा जिसमें उन्होंने पुलिस के समक्ष समर्पण के दौरान सुरक्षा की मांग की है।
गौर हो कि उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने देर रात दिल्ली पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। दोनों ने दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा उन्हें गिरफ्तारी से अंतरिम राहत देने से मना करने के कुछ घंटे बाद आत्मसमर्पण किया।
पिछले 12 फरवरी से लापता रहने के बाद दोनों रविवार की रात को जेएनयू परिसर में वापस लौट आए थे। वे एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक से विश्वविद्यालय के मुख्य द्वार तक आए और दिल्ली पुलिस के वाहन में सवार हो गए और उन्हें अज्ञात स्थान पर ले जाया गया। पुलिस सूत्रों ने बताया कि खालिद और भट्टाचार्य ने मध्यरात्रि के करीब आत्मसमर्पण किया।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि दोनों को साउथ कैंपस थाना में पुलिस हिरासत में रखा गया है। उन्हें कल सुबह मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया जाएगा। खालिद और भट्टाचार्य उन पांच छात्रों में हैं जिन्होंने संसद भवन हमले के दोषी अफजल गुर की नौ फरवरी को बरसी के मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारेबाजी की थी। कन्हैया कुमार, खालिद और भट्टाचार्य के अलावा अन्य छात्र हैं रामा नागा, आशुतोष कुमार और अनंत प्रकाश।दिल्ली पुलिस ने गत 20 फरवरी को खालिद, भट्टाचार्य, नागा, आशुतोष और प्रकाश के खिलाफ लुक आउट नोटिस जारी किया था।
गौर हो कि पिछले तीन दिनों से देशद्रोह के आरोपी छात्र जेएनयू के अंदर बैठे थे लेकिन दिल्ली पुलिस उनके बाहर आने का इंतजार करने के अलावा कुछ नहीं कर पा रही थी। हालांकि पुलिस की तरफ से बार-बार कहा यही जा रहा था कि अगर ये देशद्रोह के आरोपी सरेंडर नहीं करेंगे तो इन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। आखिरकार मंगलवार रात उमर और अनिर्बान जेएनयू कैंपस से बाहर निकले और पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया। हालांकि तीन आरोपी आशुतोष, रामा नागा और अनंत प्रकाश अभी भी पुलिस की पकड़ से बाहर हैं।
दूसरी तरफ जेएनयू छात्रसंघ ने साफ कर दिया है कि उनकी लड़ाई जारी रहेगी फिर चाहे वो कानूनी रूप से हो या फिर राजनीतिक। वहीं जेएनयू छात्र संघ उपाध्यक्ष शहला राशिद ने छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार के जमानत की उम्मीद भी जताई। खालिद और भट्टाचार्य उन पांच छात्रों में हैं जिन्होंने संसद भवन हमले के दोषी अफजल गुर की नौ फरवरी को बरसी के मौके पर विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान कथित तौर पर राष्ट्रविरोधी नारेबाजी की थी।