भोपाल. मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 26 अक्टूबर को छिंदवाड़ा में विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया. उनके 2022-23 के आयकर रिटर्न के मुताबिक, उनकी संपत्ति 5 साल में 30 करोड़ बढ़ गई. उनके परिवार की कुल संपत्ति 154.83 करोड़ रुपये की है. उनकी वार्षिक आय 78.73 करोड़ रुपये है. उनकी पत्नी की आय 1.15 करोड़ रुपये है. इसके अलावा उन पर 12 लाख रुपये का बैंक कर्ज भी है. जानकारी के मुताबिक, कमलनाथ के पास 3.30 लाख रुपये कैश, पत्नी के पास 30,243 रुपये कैश, पारिवारिक चल संपत्ति 53.22 करोड़ और कुल चल संपत्ति 101.60 करोड़ है. साल 2014 में कमलनाथ की संपत्ति 206.90 करोड़ थी.
साल 2018-19 में यह घटकर 124.85 करोड़ हो गई. साल 2023 में उनकी संपत्ति 154.83 करोड़ हो गई. कमलनाथ के पास एक सफारी स्टॉर्म और एक एंबेसेडर कार है. उनके खिलाफ इंदौर और भोपाल में दो केस दर्ज हैं. गौरतलब है कि, मध्य प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने छिंदवाड़ा विधानसभा सीट से अपना नामांकन दाखिल किया. उनके साथ उनके सांसद बेटे नकुलनाथ और बहू प्रिया नाथ भी थे. पर्चा भरने के बाद कमलनाथ ने कहा मुझे छिंदवाड़ा और मध्य प्रदेश की जनता पर पूरा भरोसा कि वो सच्चाई का साथ देगी. उन्होंने नामांकन भरने से पहले परिवार के साथ छोटी बाजार के राम मंदिर और माता मंदिर में पूजा अर्चना की.
जनता तय करेगी कांग्रेस कितनी सीटें जीतेगी- कमलनाथ
उसके बाद श्याम टॉकीज से उनका काफिला रवाना हुआ. उनका रोड शो शहर के मुख्य से होते हुए मानसरोवर कॉम्प्लेक्स पहुंचा. मार्गों कमलनाथ ने यहां जनसभा की. कमलनाथ ने नामांकन पत्र दाखिल करने के बाद मीडिया से कहा कि मुझे छिंदवाड़ा और मध्य प्रदेश के मतदाताओं पर पूरा भरोसा है कि वो प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रखेंगे. आज एमपी की तस्वीर सबके सामने है. सच्चाई का साथ देगी. कमलनाथ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मैं शिवराज सिंह नहीं हूं जो लक्ष्य बनाते हैं. कितनी सीटें कांग्रेस जीतेगी ये प्रदेश के मतदाता तय करेंगे. उन्होंने कहा- मध्य प्रदेश की जनता सच्चाई का साथ देगी.
कमलनाथ ने बीजेपी पर लगाया ये आरोप
पीसीसी चीफ कमलनाथ ने अयोध्या के श्रीराम मंदिर के बारे में कहा क्या राम मंदिर भाजपा का मंदिर है. राम मंदिर पूरे देश का है, सनातनियों का है. लेकिन भाजपा राम मंदिर को अपना मंदिर बताने में जुटी है. मुझे जितना बंद पड़ा मैंने किया, आप सभी बुजुर्ग इसके गवाह है. भाजपा बरगलाने और बहकाने की राजनीति करती है.