जांजगीर चाम्पा। जिले में अधिकारी के लिए सबसे महत्वपूर्ण काम होता है उनकी जिम्मेदारी, अगर अधिकारी अपने काम के प्रति ईमानदार रहे तो जिले में उनका नाम हमेशा याद रखा जाता है… लेकिन अधिकारी अपने पद को जिम्मेदारी से बड़ा समझने की हिमाकत करे तो इसका अंजाम भी अच्छा नही होता है . वही हाल जिला पंचायत सीईओ का हुआ है.हाल ही में खरौद के गोठान में हुए गोवंश की मौत के बाद बड़े सवाल उठने शुरू हो गए थे. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के महत्वाकांक्षी योजनाओं में गाय, गोबर, गौठान बड़ा महत्वपूर्ण जिम्मेदारी थी. जिसको लेकर हमेशा जिला पंचायत सीईओ पर सवाल खड़े होते थे. अपने गैर जिम्मेदारआना रवैया के चलते हमेशा सुर्खियों में भी रहते थे. जिसका परिणाम आज देखने को मिला. अब जिला पंचायत सीईओ ज्योति पटेल की जगह नए सीईओ आर. के. खूंटे होंगे जो परियोजना निदेशक पेंड्रा मरवाही से आ रहे हैं. वही जांजगीर चाम्पा जिला पंचायत सीईओ ज्योति पटेल को मंत्रालय भेजा गया है. लंबे समय से लगातार जिला पंचायतो के कामकाज को लेकर कई सवाल खड़े हुए थे लेकिन अपने गैर जिम्मेदारना रवैये के चलते महत्वपूर्ण कामकाज की जिम्मेदारी को नहीं समझ पाए. उनके कार्यकाल में गोठनो में कई अव्यवस्था को देखने को मिला. गौठानो एवं रीपा में कई लापरवाही पूर्ण काम किए गए, वहीं कई भ्रष्टाचार भी सामने आए जिसको लेकर हमेशा जिला पंचायत सीईओ सुर्खियां बटोरती रही। जिला पंचायत सीईओ का कामकाज सिर्फ पेपर में ही दिखता था धरातल में कुछ और परिणाम निकलते थे।।