नई दिल्ली. राजस्थान सरकार ने पेपर लीक और नकल के खिलाफ बनाए कानून में संशोधन किया है. अब अगर कोई शख्स पेपर लीक या नकल करने के मामले में दोषी पाया जाएगा तो उसे कम से कम 10 वर्ष और अधिकतम उम्रकैद भुगतना होगा. इसके साथ ही कम से कम 10 लाख रुपए अधिकतम 10 करोड़ जुर्माना देना होगा. राजस्थान लोक सेवा आयोग, चयन बोर्ड और अधीनस्थ बोर्ड की परीक्षाओं में पारदर्शिता और नकल को रोकने के लिए अशोक गहलोत सरकार पर ना सिर्फ विपक्षी दलों की तरफ से दबाव था बल्कि उनकी ही पार्टी के कद्दावर नेता सचिन पायलट ने आवाज उठाया था. बता दें कि नकल विहीन परीक्षाओं और धांधली को रोकने के लिए कानून बनाया गया था जिसे अब और सख्त कर दिया गया है.
राजस्थान विधानसभा से कानून पारित
शुक्रवार को संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने राजस्थान सार्वजनिक परीक्षा संशोधन विधेयक 2023 को सदन के पटल पर रखा और करीब तीन घंटे की चर्चा के बाद पारित कर दिया गया. इस संशोधन में खास बात है कि न्यूनतम 10 साल अधिकतम उम्रकैद के साथ न्यूनतम 10 लाख और अधिकतम 10 करोड़ रुपए जमा करने होंगे। अगर दोषी शख्स जुर्माने की राशि अदा करने में नाकाम रहता है तो उसकी सजा 2 साल और बढ़ जाएगी.
क्या है खास कानून
न्यूनतम जुर्माना 10 लाख
न्यूनतम सजा- 10 वर्ष
अधिकतम सजा उम्रकैद
अधिकतम जुर्माना 10 करोड़
संघर्ष की हुई जीत
संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि अगर आप दूसरे प्रदेशों को देखें तो हमने सख्त कानून लाया है. सरकार की मंशा पहले से ही साफ रही है कि परीक्षाओं में किसी तरह धांधली पर लगाम लगे. इस नए कानून में दोषी की संपत्ति की कुर्की की भी व्यवस्था है. इसके साथ ही पेपर लीक के मामले में कहा कि अगर आप गुजरात को देखें तो वहां 20 से अधिक बार पेपर लीक हुए हैं. इस नए कानून के बारे में बेरोजगार एकीकृत महासंघ ने कहा कि निश्चित तौर पर यह हम लोगों के संघर्ष की जीत है.