जशपुर(कुनकुरी) से तरुण कुमार शर्मा की रिपोर्ट
10 हजार लोगो ने की प्रार्थना
कड़ाके की ठंड के बाद भी चर्च मे रोनक
जशपुर 25 दिसंबर
कुनकुरी का महागिरजा घर एषिया में दूसरे नंबर का बडा चर्च माना जाताहै। इसकी आधारषिला 1962 में रखी गईथी । जिसका एक हिस्सा 1964 में पूरा हुआ वहीं दूसरा हिस्सा 1979 मेंपूरा हुआ। इसका लोकार्पण 1982 मे हुआ। यह चर्च अपनी अनूठी वास्तुकला व बनावट के लिए प्रसिद्द है,, इसकी आधारसिला बाईबिल में लिखे तथ्यों के आधार पर रखी गई है । इस चर्च में 7 छत, 7 दरवाजे जो कि पूर्णता के प्रतीक हैं। इस चर्चमें एक साथ 10 हजारलोग प्रार्थना करसकते हैं।जिले में इस चर्च से संबंधित 1 लाख 95 हजारअनुयायीहैं।
एशिया के दूसरे नंबर का सबसे बडा चर्च कुनकुरी में स्थित है। जहां लाखों लोग प्रभु यीषु के दर्शन के लिए आते हैं। महागिरजा घर सहित जिले के अनेक चर्चों में महीने भर से कैरोलगीत के धुन गूंजते रहे। कुनकुरी के चर्च में इसकी विषेष धुन देखी गई। यह इस क्षेत्र के इसाई धर्मावलंबियों का मक्का माना जाता है। जहां लाखों की संख्या में लोग चर्च में आते रहते हैं। इस इस चर्च का निर्माण 1962 में प्रारंभ हुआ था जो कि 1979 में बनकर पूर्ण हुआ। इसकी वास्तुकला बेजोड है यह अपनी सुंदरता सजावट, भव्य प्रार्थना और अपनी कृति के लिए पूरे देश में विख्यात है। यहां विषप के द्वारा पूरे देश और विश्व के लोगों के लिए अमन चैन के लिए प्रार्थना की जाती है। इसके साथ ही जिले के अन्य चर्चों जैसे जशपुर के शांति भवन, घोलेंग के चर्च में भी क्रिसमस का त्यौहार धूमधाम से मनाया गया।चर्च के अंदर और बाहर क्रिसमस ट्री बनाई गई।
ईसा मसीह के जन्म के एक घण्टे पहले से प्रार्थना प्रारंभ होती है।प्रभु यीषु को चरनी में रखकर आशिर्वाद और प्रार्थना का सिलसिला शुरू होता है। कंपाउंड में स्थित लोग एक दूसरे को बधाई देते हैं। ख्रीस्त राजा पर्व से ही क्रिसमस की तैयारियां शुरू हो जाती है। इस बार कडाके की ठंड पडने के बावजूद चर्चो में रौनक देखी गई। वहीं कुनकुरी के महागिरजा घर में विषेष प्रार्थना की गई जिसके लिए इसाई धर्मावलंबी जो देश के विभिन्न हिस्सों में रहते हैं । त्यौहार मनाने के लिए अपने घर कुनकुरी आते हैं।
आलम ये है कि इस बार भी पूरा जिला क्रिसमस के जश्न में डूबा हुआ है। कडाके की ठंड के बावजूद इसाई धर्मावलंबियों सहित अन्य धर्म के लोग भी प्रार्थना में सम्मिलित हुए और दिनभर एक दूसरे को बधाई देने का सिलसिला चलता रहा। वहीं कुनकुरी के गिरजाघर में क्रिसमस का त्यौहार हर वर्ष की तरह विशेष हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। तो इस वर्ष पिछले वर्ष की तुलना मे ज्यादा लोगो की उपस्थिती दर्ज की गई।